Jo kuchh hai bas hai (जो कुछ है बस है)
Material type:
- 9789384012052
- 891.431 NEE
Item type | Current library | Collection | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode | |
---|---|---|---|---|---|---|---|---|
![]() |
Indian Institute of Management LRC General Stacks | Hindi Book | 891.431 NEE (Browse shelf(Opens below)) | 1 | Available | 008622 |
जो कुछ है बस है कवि रमाकांत नीलकंठ का पहला संग्रह है। संग्रह की कविताएँ भाव एवं अर्थ की सघनता तथा अपनी शिल्पगत कुशलता से विस्मित करती हैं; और कवि की सृजनशीलता के प्रति, प्रदीर्घ प्रकाशन विलम्ब के बावजूद, आश्वस्त करती हैं।
चालू फैशन की सपाट कविता के विपरीत, अर्थ-लय-वक्रोक्ति की शक्ति से संपन्न, बिंब-मिथक आदि से अपने काव्य-कर्म का संधान करती, ठस नहीं रससिक्त तरंगायित भाषा से लक्ष्य-भेद करने में कुशल रमाकांत नीलकंठ की कविता अपनी ईमानदारी में विरल है। प्रकृति, प्रेम, शृंगार से लेकर देश, राष्ट्र, लोक और विश्व मानवता के विविध विषयों को अपने रचनावृत्त में समेटती है।
(https://pratishruti.in/products/jo-kuchh-hai-bas-hai-by-ramakant-neelkanth)
There are no comments on this title.