Amazon cover image
Image from Amazon.com

Do rang do dishayen: ek yaatraabrint (दो रंग दो दिशाएं : एक यात्रावृन्त)

By: Material type: TextTextPublication details: Kolkata Pratishruti Prakashan 2019Description: 144 pISBN:
  • 9789383772599
Subject(s): DDC classification:
  • 915.4 TIW
Summary: कथेतर साहित्य में आज कई गद्य विधाएं हिन्दी में सक्रिय हैं। इन विधाओं में सबसे लोकप्रिय विधा है यात्रा संस्मरण या यात्रा-वृतांत। हमारे मूर्धन्य लेखकों ने कई बेहतरीन पुस्तकें देकर इस विधा को प्रतिष्ठित किया है। उन्होंने इस निमित्त देशाटन और विदेश भ्रमण कम नहीं किया है। राहुल सांकृत्यायन, रामवृक्ष बेनीपुरी से लेकर अज्ञेय, निर्मल वर्मा और अमृतलाल बेगड़ तक कई नाम स्मरण हो आते हैं। ग्लोबल विलेज के इस दौर में यात्रा साहित्य की अहमियत पहले से ज्यादा बढ़ी है। प्रस्तुत पुस्तक दो रंग दो दिशाएं शिक्षाविद कृपाशंकर तिवारी द्वारा अमेरिका की 40-45 दिनों के परिभ्रमण-पर्यवेक्षण का प्रतिफल है। (https://pratishruti.in/products/do-rang-do-dishayen-by-kripashankar-tiwari)
Tags from this library: No tags from this library for this title. Log in to add tags.
Star ratings
    Average rating: 0.0 (0 votes)

कथेतर साहित्य में आज कई गद्य विधाएं हिन्दी में सक्रिय हैं। इन विधाओं में सबसे लोकप्रिय विधा है यात्रा संस्मरण या यात्रा-वृतांत। हमारे मूर्धन्य लेखकों ने कई बेहतरीन पुस्तकें देकर इस विधा को प्रतिष्ठित किया है। उन्होंने इस निमित्त देशाटन और विदेश भ्रमण कम नहीं किया है। राहुल सांकृत्यायन, रामवृक्ष बेनीपुरी से लेकर अज्ञेय, निर्मल वर्मा और अमृतलाल बेगड़ तक कई नाम स्मरण हो आते हैं। ग्लोबल विलेज के इस दौर में यात्रा साहित्य की अहमियत पहले से ज्यादा बढ़ी है। प्रस्तुत पुस्तक दो रंग दो दिशाएं शिक्षाविद कृपाशंकर तिवारी द्वारा अमेरिका की 40-45 दिनों के परिभ्रमण-पर्यवेक्षण का प्रतिफल है।

(https://pratishruti.in/products/do-rang-do-dishayen-by-kripashankar-tiwari)

There are no comments on this title.

to post a comment.

©2025-2026 Pragyata: Learning Resource Centre. All Rights Reserved.
Indian Institute of Management Bodh Gaya
Uruvela, Prabandh Vihar, Bodh Gaya
Gaya, 824234, Bihar, India

Powered by Koha