Apki company ka ant hona tay hai
Material type:
- 9789355436191
- 158.1 VYA
Item type | Current library | Collection | Call number | Status | Date due | Barcode | |
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Indian Institute of Management LRC General Stacks | Hindi Book | 158.1 VYA (Browse shelf(Opens below)) | Available | 008397 |
इस किताब को लिखने का मकसद यही है कि आपको सच्चाई से रूबरू कराया जा सके। आपको यह बताया जा सके कि कैसे एक कंपनी की नींव रखी जाए जो भविष्य तक चलती रहे। जितने भी फाउंडर होते हैं, उनका यह सपना ज़रूर होता है कि उनका बनाया हुआ बिज़नेस उनके बाद भी चलता रहे। आपका भी होगा। हम सभी को अंत तक पहुँचना है। हम सभी को प्यार अंत तक चाहिए। हम सभी को पैसा आखिरी साँस तक चाहिए। हम अनंत ब्रह्मांड का भी अंत या आखिर कोना छू लेना चाहते हैं। हम सभी इस जीवन में विभिन्न माध्यम से सिर्फ अंत की तलाश में ही भटक रहे हैं। अंत में हम सब को कुछ बेहतर चाहिए। अगर आपसे पूछा जाए कि इस पृथ्वी पर आप अपनी रचना, अपनी कंपनी को कब तक देखना चाहेंगे, तो आपका जवाब सरल सा होगा- 'अंत तक'। पर यह आप तब तक हासिल नहीं कर सकते जब तक आप सत्य के करीब न हों। जब तक आप होशपूर्ण न हो, जब तक आपके कर्म पूर्ण न हो, जब तक आप अपने जीवन के होने का अर्थ और उद्देश्य न खोज लें, तब तक आप एक ऐसी कंपनी की रचना नहीं कर सकते जो अस्तित्व में लम्बे समय तक टिकी रह सके।
(https://www.manjulindia.com/ProductDetail.aspx?pid=75b55a3c-c45c-4675-bff3-95f5891a33c6)
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