Jan Gopal: (Record no. 9153)
[ view plain ]
000 -LEADER | |
---|---|
fixed length control field | 05319nam a22002057a 4500 |
005 - DATE AND TIME OF LATEST TRANSACTION | |
control field | 20250412173511.0 |
008 - FIXED-LENGTH DATA ELEMENTS--GENERAL INFORMATION | |
fixed length control field | 250412b |||||||| |||| 00| 0 eng d |
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER | |
International Standard Book Number | 9789360863791 |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER | |
Classification number | 891.434 |
Item number | AGA |
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME | |
Personal name | Agarwal, Purushottam |
245 ## - TITLE STATEMENT | |
Title | Jan Gopal: |
Remainder of title | sant dadu ke jivanikar |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT) | |
Name of publisher, distributor, etc. | Rajkamal Prakashan |
Place of publication, distribution, etc. | New Delhi |
Date of publication, distribution, etc. | 2024 |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION | |
Extent | 228 p. |
365 ## - TRADE PRICE | |
Price type code | INR |
Price amount | 795.00 |
520 ## - SUMMARY, ETC. | |
Summary, etc. | हालाँकि आज उन्हें बहुत लोग नहीं जानते, लेकिन जन गोपाल आरम्भिक आधुनिक भारत के एक महत्त्वपूर्ण देशज बुद्धिजीवी थे।<br/><br/>‘जन गोपाल : संत दादू के जीवनीकार’ पुस्तक के लेखकों का कहना है कि ऐसे कई निर्गुण भक्त कवि रहे हैं जिन पर उनकी काव्य-मेधा और ऐतिहासिक अहमियत के बावजूद उतना ध्यान नहीं दिया गया जितने के वे हक़दार थे। उन्नींसवीं सदी के राजस्थानी कवि एवं कथावाचक जन गोपाल भी ऐसी ही प्रतिभा हैं। यह पुस्तक उनके जीवन और कृतित्व पर केन्द्रित एक अभूतपूर्व अध्ययन है।<br/><br/>जन गोपाल किसी आम निर्गुणपंथी भक्त के साँचे में पूरी तरह फ़िट नहीं बैठते। उनका जन्म एक व्यापारी परिवार में हुआ; निर्गुण पंथ का चुनाव उन्होंने किसी पारिवारिक या सामाजिक परम्परा के चलते नहीं, बल्कि अपने सचेत निजी निर्णय के आधार पर किया। उन्होंने अपने साहित्य में न केवल छन्दशास्त्र, काव्य-परम्परा और शास्त्रीय हिन्दुस्तानी संगीत के अपने अद्भुत ज्ञान का बल्कि एक नागर तथा प्रगतिशील संवेदना का भी परिचय दिया। उनकी प्रमुख रचनाओं में ‘दादू जनम लीला’ का नाम सबसे पहले आता है जो उनके गुरु और अकबर के समकालीन दादू दयाल की जीवन-गाथा है। भागवत पुराण की कथाओं को भी उन्होंने अपने काव्य में पिरोया जिनमें ‘प्रह्लाद चरित्र’, ‘ध्रुव चरित्र’ और ‘जड़ भरत चरित्र’ मुख्य हैं।<br/><br/>इस पुस्तक में स्पष्ट होता है कि जन गोपाल का विशेष महत्त्व इसलिए है कि उन्होंने लोक-प्रचलित पौराणिक कथाओं को अपनी हिन्दी व ब्रज रचनाओं में समकालीनता का एक सूक्ष्म तेवर दिया। साथ ही इन कथाओं के नैतिक पक्ष को नए रूप में रचने की प्रक्रिया में उन्होंने पारम्परिक धर्मशास्त्र के मूल तत्त्व पर भी नई दृष्टि डाली और भक्ति को एक समतावादी और मुक्तिकारी रूप में प्रस्तुत किया।<br/><br/>जन गोपाल के जीवन और कृतित्व के विश्लेषण के साथ और भक्ति परम्परा में उन्हें उनका उचित स्थान देते हुए लेखकों ने इस पुस्तक में उनके रचे तीनों चरित्रों (प्रह्लाद, ध्रुव और भरत) के साथ ही उनके बीस पद भी प्रस्तुत किए हैं।<br/><br/>देशज बौद्धिक परम्पराओं और निर्गुण भक्ति के अध्ययन के लिए यह पुस्तक निस्सन्देह महत्त्वपूर्ण है।<br/><br/>(https://rajkamalprakashan.com/jan-gopal-sant-dadu-ke-jivanikar.html) |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical term or geographic name as entry element | Literary criticism |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical term or geographic name as entry element | Criticism--Hindi |
700 ## - ADDED ENTRY--PERSONAL NAME | |
Personal name | Lorenzen, David N. |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) | |
Koha item type | Book |
Source of classification or shelving scheme | Dewey Decimal Classification |
Withdrawn status | Lost status | Source of classification or shelving scheme | Damaged status | Not for loan | Collection code | Bill No | Bill Date | Home library | Current library | Shelving location | Date acquired | Source of acquisition | Cost, normal purchase price | Total Checkouts | Full call number | Accession Number | Date last seen | Copy number | Cost, replacement price | Price effective from | Koha item type |
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
Dewey Decimal Classification | Hindi Book | COR/IN/25/11909 | 15-03-2025 | Indian Institute of Management LRC | Indian Institute of Management LRC | General Stacks | 03/27/2025 | CBS Publishers & Distributors Pvt. Ltd. | 552.53 | 891.434 AGA | 008183 | 03/27/2025 | 1 | 795.00 | 03/27/2025 | Book |