Kubja sundari (कुब्जा सुन्दरी)
Singh, Thakur Prasad
Kubja sundari (कुब्जा सुन्दरी) - Kolkata Pratishruti Prakashan 2020 - 155 p.
कुब्जा सुन्दरी एक ऐसे कवि-लेखक का उपन्यास है, जिसे नियति ने काशी से सुदूर संथाल परगना में फेंक दिया पर उसका जीवन थमा नहीं। जीवन की सतत खोज ने उसे जैसे एक जीवन-लक्ष्य दे दिया आदिवासियों के बीच उनके आदिम उद्वेग को निरखने परखने का। संथाल परगना के प्रवास ने पहले वंशी और मादल (1959) के गीत दिए और कुछ वर्ष अनंतर ही आदिम राग में नहाया, गद्य-नृत्य करता पहला उपन्यास कुब्जा सुन्दरी।
(https://pratishruti.in/products/kubja-sundari-by-thakur-prasad-singh)
9789383772896
Hindi novel
891.433 / SIN
Kubja sundari (कुब्जा सुन्दरी) - Kolkata Pratishruti Prakashan 2020 - 155 p.
कुब्जा सुन्दरी एक ऐसे कवि-लेखक का उपन्यास है, जिसे नियति ने काशी से सुदूर संथाल परगना में फेंक दिया पर उसका जीवन थमा नहीं। जीवन की सतत खोज ने उसे जैसे एक जीवन-लक्ष्य दे दिया आदिवासियों के बीच उनके आदिम उद्वेग को निरखने परखने का। संथाल परगना के प्रवास ने पहले वंशी और मादल (1959) के गीत दिए और कुछ वर्ष अनंतर ही आदिम राग में नहाया, गद्य-नृत्य करता पहला उपन्यास कुब्जा सुन्दरी।
(https://pratishruti.in/products/kubja-sundari-by-thakur-prasad-singh)
9789383772896
Hindi novel
891.433 / SIN