000 | 02206nam a22001937a 4500 | ||
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020 | _a9789383772599 | ||
082 |
_a915.4 _bTIW |
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100 |
_aTiwari, Kripashankar _921893 |
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245 |
_aDo rang do dishayen: _bek yaatraabrint (दो रंग दो दिशाएं : एक यात्रावृन्त) |
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260 |
_aKolkata _bPratishruti Prakashan _c2019 |
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300 | _a144 p. | ||
365 |
_aINR _b380.00 |
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520 | _aकथेतर साहित्य में आज कई गद्य विधाएं हिन्दी में सक्रिय हैं। इन विधाओं में सबसे लोकप्रिय विधा है यात्रा संस्मरण या यात्रा-वृतांत। हमारे मूर्धन्य लेखकों ने कई बेहतरीन पुस्तकें देकर इस विधा को प्रतिष्ठित किया है। उन्होंने इस निमित्त देशाटन और विदेश भ्रमण कम नहीं किया है। राहुल सांकृत्यायन, रामवृक्ष बेनीपुरी से लेकर अज्ञेय, निर्मल वर्मा और अमृतलाल बेगड़ तक कई नाम स्मरण हो आते हैं। ग्लोबल विलेज के इस दौर में यात्रा साहित्य की अहमियत पहले से ज्यादा बढ़ी है। प्रस्तुत पुस्तक दो रंग दो दिशाएं शिक्षाविद कृपाशंकर तिवारी द्वारा अमेरिका की 40-45 दिनों के परिभ्रमण-पर्यवेक्षण का प्रतिफल है। (https://pratishruti.in/products/do-rang-do-dishayen-by-kripashankar-tiwari) | ||
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_aTravel and tourism _923100 |
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