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100 _aVerma, Umashanker
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245 _aYugpurush Jaiprakash Narayan
260 _aNew Delhi
_bPrabhat Prakashan
_c2017
300 _a221 p.
365 _aINR
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520 _aजयप्रकाश नायक स्वदेश की करुणा भरी कहानी का, वह प्रतीक है स्वतंत्रता-हित व्याकुल बनी जवानी का; पाठ पढ़ाया है उसने हमको निर्भय हो जीने का, दीन-दुखी संतप्‍त मनुजता के घावों को सीने का; --- हे जननायक! तुम धन्य हो! तुमने जो कुछ भी किया है, जो कुछ भी दिया है, उसे किसी कीमत पर हम खोने नहीं देंगे। अपने खून का एक-एक कतरा देकर भी हम उसकी रक्षा करेंगे। --- हे क्रांतिदूत, हे वज्र पुरुष, हे स्वतंत्रता के सेनानी; जय-जय जनता, जय-जय स्वदेश, यह अडिग तुम्हारी ही बानी! दे स्वतंत्रता को परिभाषा मन वचन कर्म की, जीवन की; तुमने जन-जन को सिखलाया आहुति होती क्या तन-मन की! --- जयप्रकाश का बिगुल बजा, तो जाग उठी तरुणाई है, तिलक लगाने, तुम्हें जगाने क्रांति द्वार पर आई है। कौन चलेगा आज देश में भ्रष्‍टाचार मिटाने को बर्बरता से लोहा लेने, सत्ता से टकराने को आज देख लें कौन रचाता मौत के संग सगाई है। —इसी पुस्तक से जनक्रांति झुग्गियों से न हो जब तलक शुरू, इस मुल्क पर उधार है इक बूढ़ा आदमी। लोकनायक जयप्रकाश नारायण के क्रांतिकारी व्यक्‍तित्व की झलक देतीं सूर्यभानु गुप्‍त की उपरोक्‍त पंक्‍तियाँ बतलाती हैं कि आम जन में परिवर्तन के सपने को जयप्रकाश नारायण ने कैसे रूपाकार दिया था। युगपुरुष जयप्रकाश में प्रसिद्ध कवि, संपादक उमाशंकर वर्मा ने हिंदी के ऐसे सैकड़ों कवियों की कविताएँ संकलित की हैं, जिन्होंने जयप्रकाश के क्रांतिकारी उद‍्घो‍ष को सुना और उससे उद्वेलित हुए। भगीरथ, दधीचि, भीष्म, सुकरात, चंद्रगुप्‍त, गांधी, लेनिन और न जाने कैसे-कैसे संबोधन जे.पी. को दिए कवियों ने। उन्हें याद करते हुए आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी ने सही कहा कि ‘इस देश की संस्कृति का जो कुछ भी उत्तम और वरेण्य है, वह उनके व्यक्‍तित्व में प्रतिफलित हुआ है।’ आरसी प्रसाद सिंह, इंदु जैन, उमाकांत मालवीय, कलक्टर सिंह केसरी, जगदीश गुप्‍त, जानकी वल्लभ शास्‍‍त्री, धर्मवीर भारती, पोद‍्दार रामावतार अरुण, बालकवि बैरागी, बुद्धिनाथ मिश्र, रामधारी सिंह दिनकर, कुमार विमल, नीरज आदि प्रसिद्ध कवियों-गीतकारों सहित सैकड़ों रचनाकारों की लोकनायक के प्रति काव्यांजलि को आप यहाँ पढ़ सकते हैं। —कुमार मुकुल (https://www.prabhatbooks.com/yugpurush-jaiprakash-narayan.htm)
650 _aBiography--Jaiprakash Narayan--Hindi
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