000 | 02105nam a22001937a 4500 | ||
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008 | 250429b |||||||| |||| 00| 0 eng d | ||
020 | _a9788126716999 | ||
082 |
_a891.433 _bREN |
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100 |
_aRenu, Phanishwarnath _914747 |
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245 |
_aParti: _bparikatha |
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250 | _a15th | ||
260 |
_bRajkamal Prakashan _aNew Delhi _c2023 |
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300 | _a378 p. | ||
365 |
_aINR _b499.00 |
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520 | _aइस उपन्यास को पढ़ते हुए प्रत्येक संवेदनशील पाठक स्पन्दनीय ज़िन्दगी के सप्राण पन्नों को उलटता हुआ-सा अनुभव करेगा। सहृदयता के सहज-संचित कोष के रस से सराबोर प्रत्येक शब्द, हर गीत की आधी-पूरी कड़ी ने मानव-मन के अन्तरतम को प्रत्यक्ष और सजीव कर दिया है। दो पीढ़ियों के जीवन के विस्तृत चित्रपट पर अनगिनत महीन और लयपूर्ण रेखाओं की सहायता से चतुर कथाशिल्पी ने एक अमित कथाचित्र का प्रणयन किया है। इस महाकाव्यात्मक उपन्यास को पढ़कर समाप्त करने तक पाठक अनेक चरित्रों, घटना-प्रसंगों, संवादों और वर्णन-शैली के चमत्कारों से इतना सामीप्य अनुभव करने लगेंगे कि उनसे बिछुड़ना एक बार उनके हृदय में अवश्य कसक पैदा करके रहेगा। (https://rajkamalprakashan.com/parti-parikatha.html) | ||
650 | _aHindi novel | ||
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_cBK _2ddc |
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999 |
_c9275 _d9275 |