000 | 01713 a2200193 4500 | ||
---|---|---|---|
005 | 20250406143442.0 | ||
008 | 250406b |||||||| |||| 00| 0 eng d | ||
020 | _a9780143466062 | ||
082 |
_a891.433 _bDAS |
||
100 |
_aDash, Pradeep _921627 |
||
245 | _aCharu, chivar aur charya (चरु, चीवर और चर्या) | ||
260 |
_bPenguin Random House India _aHaryana _c2023 |
||
300 | _ax, 470 p. | ||
365 |
_aINR _b450.00 |
||
520 | _aयह ऐतिहासिक उपन्यास आठवीं सदी के भौमकर राजवंश की एक कहानी है। यह एक विराट आख्यान है, जिसमें बौद्ध धर्म का उसकी ऊँचाइयों को छूना, उसकी साधना एवं परंपरा तथा उसे मिल रहा राज्याश्रय और उसका क्षरण सभी शामिल है। उड़िया से हिंदी में अनुदित चरु, चीवर और र्चया एक क्लासिक श्रेणी का उपन्यास है जिसके मूल उड़िया संस्करण को उड़िशा में प्रतिष्ठित सरला पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। (https://www.penguin.co.in/book/charu-chivar-aur-charya-%E0%A4%9A%E0%A4%B0%E0%A5%81-%E0%A4%9A%E0%A5%80%E0%A4%B5%E0%A4%B0-%E0%A4%94%E0%A4%B0-%E0%A4%9A%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE/) | ||
650 | _aHindi literature | ||
650 | _aHindi fiction | ||
942 |
_cBK _2ddc |
||
999 |
_c9252 _d9252 |