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_bJAI
100 _aJain, Pratibha
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245 _aBhartiya stree:
_bparampara evam aadhunikta (भारतीय स्त्री: परम्परा एवं आधुनिकता)
260 _bRawat Publications
_aJaipur
_c2024
300 _a334 p.
365 _aINR
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520 _aभारतीय नारी चिरपरिचित समर्पित पत्नी और वात्सल्यमयी माँ वेफ साथ ही वैराग्य की परंपरा में भिक्षुणी, एवं भक्त, गणिका वेफ रूप में स्वतन्त्रा नारी, अस्त्रा-शस्त्रा तथा शासन तंत्रा में प्रवीण वीरांगना, सामंती व्यवस्था में पराध्ीन और नियंत्रित, स्वतन्त्राता आन्दोलन में संघर्षरत सैनानी, साहित्य में सृजनशील, कलाओं में निपुण किन्तु इतिहास लेखन में अदृश्य रही है। प्रस्तुत पुस्तक में इन सभी पहलुओं की चर्चा की है तथा भारतीय स्त्राी वेफ यथार्थ और आदर्श वेफ साथ ही सम्पूर्ण पहचान वेफ लिए सामाजिक स्थितियों की विविध्ता को उजागर किया है। तीस से अध्कि वर्षों वेफ लंबे अंतराल वेफ बाद, ‘भारतीय स्त्राीः सांस्वृफतिक सन्दर्भ’ का नवीन संशोध्ति संस्करण पाठकों वेफ लिए प्रस्तुत है। महिलाओं वेफ इतिहास में रुचि रखने वाले शिक्षाविदों और छात्रों की माँग इसकी प्रेरणा रही और इसे अद्यतन कर नए शीर्षक ‘भारतीय स्त्राीः परंपरा और आध्ुनिकता’ वेफ साथ पाठकों वेफ लिये पुनः प्रस्तुत किया जा रहा है। (https://www.rawatbooks.com/gender-studies/bhartiya-stri-parampara-aadhunikta)
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650 _aWomen in Indian society
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