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020 _a9788131613481
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_bDIW
245 _aShodh:
_baarambhik parichay (शोध: आरम्भिक परिचय)
260 _bRawat Publications
_aJaipur
_c2024
300 _axv, 206 p.
365 _aINR
_b1095.00
520 _aइस पुस्तक का एक लक्ष्य है कि शोध शुरू करने वाले अध्येताओं के लिए शुरुआती अध्ययन का रास्ता बने और दूसरा लक्ष्य है, शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे कर्मियों के लिए अपने कार्य को बेहतर ढंग से समझने के लिए सामग्री उपलब्ध हो। शोध के लिए प्राथमिक ज़रूरत यह है कि शोधकर्ता को शोध की बुनियादी समझ हो, यानी शोध के अर्थ से शुरू होकर, उसे कैसे करना है व उसे अधिक सार्थक कैसे बनाएँ जैसे सभी मसलों पर ऐसी समझ जो उसे शोध कार्य समझने और करने में मदद करे। पुस्तक का प्रयास है कि शोधकर्ता ख़ुद शोध को डिज़ाइन और क्रियान्वित भी कर सकें। कोशिश रही है कि अध्यायों की भाषा सरल व सहज हो। इनमें सामान्य उदाहरणों को लिया जाए ताकि शोध की थोड़ी समझ रखने वाले शोधकर्ता भी उसे पढ़कर समझ सकें। तकनीकी शब्दों का किफ़ायत से इस्तेमाल किया गया है। व्यावहारिक परिभाषाएँ व उदाहरण भी दिए गए हैं ताकि तकनीकी शब्दों को समझने में मदद मिले। यह पुस्तक शोध के सन्दर्भ में कई बुनियादी सवालों पर सरल किन्तु स्पष्ट व सोची-समझी व्याख्या करने का प्रयास करती है। उम्मीद है कि पाठक इस पुस्तक को सरल और सुस्पष्ट पाएँगे। (https://www.rawatbooks.com/research-methods/Shod-Aarambhik-Parichay)
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650 _aResearch methodology
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700 _aDiwan, Hridaya Kant
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700 _aDwivedi, Rajni
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