000 | 02673nam a22001937a 4500 | ||
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005 | 20250412171838.0 | ||
008 | 250412b |||||||| |||| 00| 0 eng d | ||
020 | _a9789348157591 | ||
082 |
_a891.432 _bPRI |
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100 |
_aPriyadarshan _921552 |
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245 | _aBetiyaan mannu Ki | ||
260 |
_bRadhakrishna Prakashan _aNew Delhi _c2024 |
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300 | _a85 p. | ||
365 |
_aINR _b199.00 |
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520 | _a‘बेटियाँ मन्नू की’—नाटक में वे पात्र और उनका वह जीवन है जिसे पहले मन्नू भंडारी अपनी कहानियों में और अपने उपन्यास में लाईं, वहाँ उन्हें नया जीवन दिया, नई सोच दी और अब उनमें से कुछ इस नाटक में हमारे आज के रू-ब-रू हो रहे हैं। यहाँ ये पात्र अपनी रचयिता से भी बात करते हैं, एक-दूसरे से भी और हमसे भी। ‘आपका बंटी’ उपन्यास के बंटी और शकुन के अलावा इसमें नौ और कहानियों के किरदार हैं और सब मिलकर उस समय को समझने की कोशिश कर रहे हैं, जब उन्हें रचा गया; जानने की कोशिश करते हैं कि उन्हें वही रूप क्यों दिया; उनकी नियति वही क्यों थी, कुछ और क्यों नहीं! और इस तरह कई नये सवाल और कई सवालों के जबाव हमारे सामने खुलते हैं। अलग-अलग कहानियों के पात्रों का यह बोलता कोलाज न सिर्फ उन चरित्रों को एक नई रोशनी में हमारे सामने लाता है, बल्कि कथाकार मन्नू भंडारी को समझने में भी हमारी मदद करता है। नाटक विधा में यह एक दुर्लभ किस्म का प्रयोग है; दिलचस्प प्रयोग! (https://rajkamalprakashan.com/betiyaan-mannu-ki.html) | ||
650 |
_aHindi play _922939 |
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650 | _aHindi drama | ||
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