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100 _aChokhan, N.
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245 _aParopkari businessman:
_bAzim Premji
260 _bPrabhat Prakashan
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300 _a144 p.
365 _aINR
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520 _a24 जुलाई, 1945 को जनमे हाशिम प्रेमजी अमेरिका की स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में जब विद्युत् इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे, तभी पिता के अचानक निधन के कारण उन्हें स्वदेश लौटकर पारिवारिक व्यवसाय सँभालना पड़ा। उनके व्यापारिक कौशल और योग्यता के बल पर विप्रो ने अनेक क्षेत्रों में कार्य विस्तार किया। प्रसाधन तथा अन्य घरेलू सामग्री में अग्रणी विप्रो आज कंप्यूटर के क्षेत्र में भी भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में सम्मिलित है। सरल-सहज अजीम प्रेमजी ने विलक्षण उपलब्धियाँ प्राप्‍त की हैं। सन् 2000 में ‘एशियावीक’ पत्रिका ने उन्हें विश्‍व के 20 सर्वाधिक शक्‍तिशाली व्यक्‍तियों में शामिल किया। वे ‘फोर्ब्स’ की 2001 से 2003 की विश्‍व की 50 सर्वाधिक धनी व्यक्‍तियों की सूची में भी शामिल थे। सन् 2004 में ‘टाइम्स’ पत्रिका ने उन्हें विश्‍व के 100 सर्वाधिक प्रभावशाली व्यक्‍तियों में शामिल किया। सन् 2005 में भारत सरकार ने उन्हें प्रतिष्‍ठित ‘पद्मभूषण’ से तथा 2011 में ‘पद्मविभूषण’ से सम्मानित किया। बच्चों की पढ़ाई के लिए उन्होंने ‘अजीम प्रेमजी फाउंडेशन’ की स्थापना की। यह बिना लाभवाला संगठन है। इसका उद‍्देश्‍य बच्चों को प्राथमिक शिक्षा देकर उन्हें ऊपर उठाना, समानता का भाव पैदा करना और उन बच्चों को समाज में सम्मानपूर्वक जीने की कला सिखाना है। इस संगठन की स्थापना 2001 में हुई और देश के 13 राज्यों में यह कार्यशील है। ऐसे समाजसेवी, परोपकारी सफल बिजनेसमैन अजीम प्रेमजी की प्रेरक जीवनगाथा। " (https://www.prabhatbooks.com/paropkari-businessman-azim-premji.htm)
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650 _aPremji, Azim Hashim -- 1945 -- Wipro Corp.(India)
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