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_bBED
100 _aBedi, Kiran
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245 _aJeet lo har shikhar
260 _bPrabhat Prakashan
_aNew Delhi
_c2023
300 _a183 p.
365 _aINR
_b400.00
520 _aजीत लो हर शिखर‘जीत लो हर शिखर’ एक ऐसी पुस्तक है, जिसमें अलग-अलग व्यक्‍तियों की आपबीती (जिनमें से कुछ पुलिस अत्याचार के पीड़ित रहे हैं) का प्रत्यक्ष एवं स्पष्‍ट वर्णन है। इन्होंने स्वेच्छा से अपनी-अपनी कहानी सुनाई, हालाँकि उनमें से अनेक ऐसे भी हैं, जिनका अतीत संदिग्ध रहा है। पुरुषों, स्‍‍त्रियों और बच्चों ने यह बताने की हिम्मत जुटाई कि उनके जीवन में क्या-क्या गलत हुआ और अपनी दुर्दशा के लिए किस हद तक वे स्वयं को उत्तरदायी मानते हैं तथा किस हद तक उन परिस्थितियों को, जिन पर उनका कोई वश नहीं था। प्रस्तुत पुस्तक में विभिन्न प्रकार के लोगों की असल जिंदगी, उनकी जबानी सुने दिल दहलानेवाले अनुभवों का वर्णन है, जिनमें शामिल हैं—घरेलू हिंसा और पुलिस अत्याचार के मारे, ड्रग्स लेने के आदी, अपराधी और बाल-अपराधी। लेखिका को इनकी बात गहरे तक छू गई, अतः वे इस प्रकार के दुराचार और अन्याय की मूक-दर्शक बनी नहीं रह सकती थीं। उन्होंने एक ऐसा संगठन बनाने का निश्‍चय किया, जो नशे की लत के आदी और समाज के सताए लोगों का मददगार बन सके और उनका जीवन सुधार सके।जाँबाज शीर्ष पुलिस अधिकारी किरण बेदी ने सदा सच्चाई का मार्ग चुना, चाहे उसमें कितने ही व्यवधान आए; आम आदमी में पुलिस के प्रति विश्‍वास उत्पन्न कराया और उनकी भरपूर मदद कर अपने पद को गरिमा दी। समाज-सुधार का पथ-प्रशस्त करती मर्मस्पर्शी जीवन-कथाओं का प्रेरक संकलन। (https://www.prabhatbooks.com/jeet-lo-har-shikhar.htm)
650 _aSociology
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