000 | 02583nam a22002057a 4500 | ||
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005 | 20240129204000.0 | ||
008 | 240129b |||||||| |||| 00| 0 eng d | ||
020 | _a9788126707263 | ||
082 |
_a808.81 _bAKH |
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100 |
_aAkhtar Javed _914719 |
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245 | _aTarkash | ||
250 | _a27th ed. | ||
260 |
_bRajkamal Prakashan Pvt. Ltd _aNew Delhi _c2023 |
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300 | _a162 p. | ||
365 |
_aINR _b250.00 |
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520 | _aजावेद एक अच्छे बोलनेवाले, एक अच्छे सोचनेवाले, काव्य-समर्थ उत्तर-आधुनिक कवि हैं। ताज़गी, गहराई और विविधता, भावनाओं की ईमानदारी और ज़िन्दगी में नए भावों की तलाश उनकी शायरी की विशेषताएँ हैं। नाज़ुक-ख़याली और फ़सीहुल-बयानी उनको विरासत में मिली है। वह कभी-कभी पारम्परिक शे’र कह लें मगर बुरी शायरी नहीं कर सकते। तरकश ग़मे-जानाँ और ग़मे-दौराँ के तीरों से भरा है। बचपन की मीठी या कड़वी यादें हर अदीब या शायर के लिए स्थायी साबित हुई हैं। जावेद अख़्तर की चन्द ऐसी नज़्में जो उनकी ज़ख़मी भावनाओं और अनुभूतियों का दर्पण हैं, पारदर्शी आत्मकथा के तौर पर पढ़ी जा सकती हैं। जावेद ने अचेत रूप में उर्दू कल्चर के ज़रिए इस सूफ़ी तहज़ीब की ख़ास विशेषताओं यानी धर्मनिरपेक्ष और मानवप्रेमी मूल्यों को भी क़ुबूल किया है। उनका वैल्यू सिस्टम सही है और वह बुनियादी तौर पर प्रगतिशील हैं। –कुर्रतुल ऐन हैदर (https://rajkamalprakashan.com/tarkash.html) | ||
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