000 | 02024nam a22001937a 4500 | ||
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005 | 20240129205002.0 | ||
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020 | _a9788126717071 | ||
082 |
_a891.4309 _bVER |
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100 |
_aVerma, Bhagwaticharan _914662 |
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245 | _aBhoole bisre chitra | ||
250 | _a8th ed. | ||
260 |
_bRajkamal Prakashan Pvt. Ltd. _aNew Delhi _c2023 |
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300 | _a495 p. | ||
365 |
_aINR _b599.00 |
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520 | _aएक महान् कृति, भारतीय समाज और परिवार के विकास की विविध दिशाओं और रूपों का एक विराट एवं प्रभावोत्पादक चित्र। -डॉ. एस.एन. गणेशन निकट अतीत के चित्रों का एक एलबम—वह अतीत जिसे वर्तमान पीढ़ी को न भूलना चाहिए और न जिससे विमुख ही होना चाहिए, क्योंकि उसी में हमारे नए जीवन का बीजारोपण हुआ था। परिवार के चित्रों के एलबम के विपरीत इस एलबम के चित्र धुँधले नहीं पड़े हैं, क्योंकि कैमरा एक ही रहा है। लैंसों का प्रयोग इस कुशलता से किया गया है कि चित्र बिल्कुल साफ़ और हूबहू अंकित हुए हैं, दूरी ने उन्हें धुँधला नहीं किया है, भावातिरेक या दुःख ने विकृत नहीं किया है। —जगदीशचन्द्र माथुर (https://rajkamalprakashan.com/bhoole-bisre-chitra.html) | ||
650 |
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942 |
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