000 | 02700nam a22002057a 4500 | ||
---|---|---|---|
005 | 20240129194530.0 | ||
008 | 240129b |||||||| |||| 00| 0 eng d | ||
020 | _a9789388241847 | ||
082 |
_a158 _bMAX |
||
100 |
_aMaxwell, John C. _912812 |
||
245 | _aVikas ke 15 amulya niyam | ||
260 |
_bManjul Publishing House _aBhopal _c2012 |
||
300 | _a249 p. | ||
365 |
_aINR _b299.00 |
||
520 | _aजॉन मैक्सवेल पचास साल से भी ज़्यादा समय से व्यक्तिगत विकास के बारे में जोशीले अंदाज़ में बताते हैं। अब पहली बार वे अपने समूचे ज्ञान को साझा कर रहे हैं कि आप खुद का विकास कैसे कर सकते हैं, ताकि आपके पास वैसा इंसान बनने का सर्वश्रेष्ठ अवसर रहे, जैसा होने के लिए आपको बनाया गया था। अपनी चिर-परिचित संवाद शैली में जॉन सिखाते हैं : दर्पण का नियम: अपना मूल्य बढ़ाने के लिए आपको ख़ुद में मूल्य देखना होगा। जागरूकता का नियम: अपना विकास करने के लिए आपको ख़ुद को जानना होगा। मिसाल का नियम: बेहतर बनना मुश्किल है, जब अनुसरण के लिए ख़ुद के सिवा कोई न हो। रबर बैंड का नियम : विकास तब रुक जाता है, जब आप इन दो जगहों के बीच के तनाव को खो देते हैं- जहाँ आप हैं और जहाँ आप हो सकते हैं। जॉन मैक्सवेल की यह पुस्तक जीवन भर सीखने में आपकी मदद करेगी, ताकि आपका सामर्थ्य लगातार बढ़ता रहे और आप निरंतर विकास करते रहें। (https://manjulindia.com/vikas-ke-15-amulya-niyam-hindi-ed-of-the-15-invaluable-laws-of-growth.html) | ||
650 |
_aSelf-actualization (Psychology) _912775 |
||
650 |
_aSelf-perception _914879 |
||
650 |
_aSelf-consciousness (Awareness) _914880 |
||
942 |
_cBK _2ddc |
||
999 |
_c6512 _d6512 |