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100 _aGupta, Narayani
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245 _aQutub Minar:
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260 _bManjul Publishing House
_aBhopal
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300 _a31 p.
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520 _aनारायणी गुप्ता की बचपन की कई ख़ुशनुमा यादें हैं - दिल्ली की ऐतिहासिक इमारतों में पिकनिक मनाने की यादें। इनमें सबसे खास है कुतुब मीनार पर चढ़कर नीचे साफ़ हवा में दूर-दूर तक फैले चमकते लैण्डस्केप को देखना। नारायणी और उनके छात्र अक़्सर बातें करते हैं कि कैसे पुरानी इमारतें और लैण्डस्केप हमें अपने बीते हुए वक़्त को समझने में मदद करते हैं। नारायणी धरोहर यात्रा के आयोजकों का भी एक हिस्सा रही हैं। इन इमारतों के संरक्षण के लिए इन्होंने चौकीदार की भूमिका अदा की है। इनका मानना है कि लोगों को अपने मोबाइल अपनी जेब के हवाले कर देने चाहिए अन्यथा वे कितना कुछ देखने से महरूम रह जाते हैं। जैसे पुरानी र्इंटों पर गिरती धूप या फिर दूर दिखता किसी इमारत का गुम्बद। (https://manjulindia.com/qutub-minar-badlo-main-chipa-sir.html)
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