000 | 02846nam a22001817a 4500 | ||
---|---|---|---|
005 | 20240129171727.0 | ||
008 | 240129b |||||||| |||| 00| 0 eng d | ||
020 | _a9789389647440 | ||
082 |
_a596.0954 _bBHA |
||
100 |
_aBharucha, Erach _914680 |
||
245 |
_aKeoladeo pakshi abhyaranya: _bpakshiyon ka samrajya |
||
260 |
_bManjul Publishing House _aBhopal _c2021 |
||
300 | _a29 p. | ||
365 |
_aINR _b150.00 |
||
520 | _aइस दुनिया में बर्फ़ से ढँके पहाड़ हैं, नदियों में बहता साफ-चमचमाता पानी है। कितने ही लोग, जीव-जन्तु पक्षी, पेड़ यहाँ बसते हैं। पलते-बढ़ते हैं। इसके अलावा यहाँ हमारे पूर्वजों द्वारा निर्मित ऐसे स्मारक भी हैं, जो सैकड़ों सालों से अविचल खड़े हैं - हमारी ज़िन्दगियों और इतिहास को और मूल्यवान और समृद्ध बनाते हुए। इन बेशकीमती स्मारकों और प्राकृतिक लैण्डस्केपों को संरक्षित रखना बेहद ज़रूरी है। इनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सरकारें और संयुक्त राष्ट्र आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) जैसी संस्थाएँ साथ काम कर रही हैं। यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल दुनियाभर में फैले हैं। ये मनुष्य अथवा प्रकृति द्वारा निर्मित लैण्डस्केप और वास्तुकला के अद्भुत नमूने हैं। 2018 तक भारत में ऐसे 37 स्थलों को चिन्हित किया जा चुका है। इनका रख-रखाव और संरक्षण हमारी ज़िम्मेदारी है। विश्व धरोहर के रूप में चिन्हित सभी स्थलों पर बच्चों के लिए एक पुस्तक श्रंखला का प्रकाशन किया जा रहा है। (https://manjulindia.com/keoladeo-pakshi-abhyaran-pakshiyon-ka-samrajya.html) | ||
650 |
_aBird _914835 |
||
942 |
_cBK _2ddc |
||
999 |
_c6477 _d6477 |