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_aLiebermann, Albert _914667 |
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245 |
_aGanbatte: _bsada aage badhne ki Japani kala |
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260 |
_bManjul Publishing House _aBhopal _c2022 |
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300 | _a175 p. | ||
365 |
_aINR _b299.00 |
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520 | _aजहाँ जीवन के अनेक पक्ष हमारे नियंत्रण से बाहर हैं, वहीं यह एक चुनाव होता है कि हम उनके साथ कैसे पेश आते हैं। गनबाते इसी विषय में है कि हमारे पास जो कुछ भी हो, हम उसका सबसे बेहतर उपयोग करें, हमारे सामने आने वाली कठिनाईयों को हल करने का उपाय करें और इस तथ्य से परिचित हों कि भले ही हम हर बार सफल न हो पाएँ, परंतु हम जानते हैं कि हमने अपनी ओर से कोई कमी नहीं रखी। तभी हम आगे बढ़ने के लिए तैयार हो सकते हैं। परिवर्तनशीलता और धैर्य की योग्यता हम सबके भीतर पाई जाती है। यह पुस्तक आपको उस शक्ति के साथ जोड़ते हुए, कठिन समय में प्रेरित और आशान्वित रहने के लिए प्रोत्साहित करती है। गनबाते एक जापानी अवधारणा है जिसका अर्थ है, ‘अपनी ओर से बेहतर करें, कभी हार न मानें और चलते रहें।’ इसके पीछे एक ऐसी सोच काम करती है जो जापानियों के लिए वाबी साबी और इकिगाई की तरह ही सहज है। इस पुस्तक में अल्बर्ट लीबरमैन आपको उस मानसिकता में ले जाते हैं जो जापानियों को हर परिस्थिति का सामना करने के लिए हमेशा तैयार रखती है - जैसे कोई परीक्षा, कोई खेल, भोजन तैयार करना या नौकरी का कोई सामान्य दिन। पचास छोटे और सारगर्भित अध्याय आपको इस विचार को अपनाने के ऐसे उपाय सुझाते हैं जो कहीं अधिक संतोषप्रद जीवन दे सकते हैं तथा आपके अस्तित्व को पहले से कहीं अधिक प्रसन्न और संतुष्ट बना सकते हैं। (https://manjulindia.com/ganbatte-sada-aage-badhne-ki-japani-kala-hindi-edition-of-ganbatte.html) | ||
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_aSelf-actualization (Psychology) _912775 |
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