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082 |
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100 |
_aBryson, Bill _914621 |
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245 |
_aManushya, prithvi aur antariksh: _blagbhag har cheej ka sankhipt itihas |
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260 |
_bManjul Publishing House _aBhopal _c2022 |
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300 | _a478 p. | ||
365 |
_aINR _b599.00 |
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520 | _a21वीं सदी की विज्ञान की लोकप्रिय बेस्टसेलिंग पुस्तक ‘ज़िंदगी भर मैं इसी तरह की किसी किताब की तलाश में रहा...ब्रायसन अपनी जानकारी का ज़बरदस्त ढंग से इस्तेमाल करते हुए उसमें हास्य का मिश्रण भी करते हैं’ -डेली मेल ‘आधुनिक विज्ञान की खोजों पर आम इंसान के लिए शायद ही इससे बेहतर कोई किताब लिखी गयी है’ -संडे टेलिग्राफ़ बिल ब्रायसन खुद को अनिच्छुक यात्री बताते हैं, लेकिन घर पर सुकून से बैठे रहकर भी वह अपने आसपास की दुनिया को लेकर अपनी उत्सुकता बनाये रखते हैं। यह पुस्तक बिग बैंग से लेकर सभ्यता के उदय तक के बीच जो कुछ हुआ, उसे समझने की जिज्ञासा है। यह काल एवं अंतराल से होकर गुज़रती आँखें खोलने वाली परम यात्रा है। यह इक्कीसवीं सदी की सर्वाधिक बिकने वाली विज्ञान की लोकप्रिय पुस्तक है और दुनिया को इस तरह से हमारे सामने लाती है जिस तरह से हमने उसे पहले कभी नहीं देखा। ‘यह पुस्तक अनोखी शिक्षा का प्रतिनिधित्व करती है और यदि इसे विद्यालयों में विज्ञान पाठ्यक्रम की बुनियादी किताब के रूप में पढ़ाया जाए तो शिक्षा काफ़ी रोचक हो जाएगी’ -टीएलएस ‘सही मायने में शानदार उपलब्धि... ऐसी बेहतरीन प्रस्तुति जो सबको आनंदित कर देगी’ -नेचर ‘बुद्धिमत्तापूर्ण, दिलचस्प और जानकारी से भरा विज्ञान का यात्रा-विवरण’ -द टाइम्स (https://manjulindia.com/a-short-history-of-nearly-everything-hindi.html) | ||
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