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_aBhagwan Mahavir: _bmann par vijay prapt karne ka marga |
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260 |
_bManjul Publishing House _aBhopal _c2018 |
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300 | _a183 p. | ||
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520 | _aमहावीर कौन हैं? वर्धमान कौन हैं? आप कौन हैं? महावीर कौन हैं? कोई महाबली हो तो क्या उसे महावीर कहा जाए...? कोई हिमालय पर्वत चढ़ता है तो क्या उसे महावीर कहा जाए...? कोई चाँद पर गया हो तो क्या उसे महावीर कहा जाए...? महावीर वह, जिसका मन अंदर स्थापित हो गया है. जिन्होंने मन पर काम किया है, वे जानते हैं कि मन को अंदर लगाना वीरता का कार्य है. मन को अंदर टिकाने की कोशिश की तो मन यहाँ-वहाँ भागने लगता है. जिस प्रकार जंगली हाथी को प्रशिक्षण देने के लिए भरपूर बल और समझ के अंकुश की आवश्यकता पड़ती है, उसी प्रकार मन को वश में करने के लिए अति वीरता की आवश्यकता पड़ती है. भगवान महावीर ने लोगों को सत्य तक पहुँचाया. उन्होंने लोगों को 'तप, अहिंसा व् साधना' का मार्ग बताया जिससे मन को अहिंसक बनाया जा सके. इस पुस्तक में आप जानेंगे : • भगवान महावीर द्वारा लिए गए पाँच संकल्प, पाँच व्रत और संघ के आठ नियम • मन पर जीत कैसे प्राप्त करें • तपस्या का सच्चा अर्थ • भगवान महावीर का क्रांतिकारी दृष्टिकोण • सूक्ष्म हिंसा से मुक्ति • सूक्ष्म असत्य से मुक्ति • सूक्ष्म चोरी से मुक्ति • सांसारिक और सन्यासी ब्रह्मचर्य का पालन कैसे करें (https://manjulindia.com/bhagwan-mahavir.html) | ||
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