000 | 01345nam a22001817a 4500 | ||
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999 |
_c3420 _d3420 |
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005 | 20221018141040.0 | ||
008 | 220829b ||||| |||| 00| 0 eng d | ||
020 | _a9789352291991 | ||
082 |
_a891 _bKOH |
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100 |
_aKohli, Narendra _98423 |
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245 | _aPrachann: mahasamar-6 | ||
260 |
_bVani Prakashan _aNew Delhi _c2017 |
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300 | _a480 p. | ||
365 |
_aINR _b795.00 |
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520 | _aपांडवों का अज्ञातवास, महाभारत-कथा का एक बहुत आकर्षक स्थल है । दुर्योधन की गृध्र दृष्टि से पांडव कैसे छिपे रह सके ? अपने अज्ञातवास के लिए पांडवों ने विराटनगर को ही क्यों चुना ? पांडवों के शत्रुओं में प्रछन्न मित्र कहाँ थे और मित्रों में प्रच्छन्न शत्रु कहाँ पनप रहे थे ? ऐसे ही अनेक पश्नों को समेटकर आगे बढती है, महासमर के इस छठे खंड प्रच्छन्न की कथा | ||
650 |
_aHindi Literature _99684 |
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942 |
_2ddc _cBK |