Kumarsambhav
Material type: TextPublication details: Rajpal and Sons Delhi 2023Description: xxiv, 119 pISBN:- 9788170287728
- 891.433 KAL
Item type | Current library | Collection | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode | |
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Book | Indian Institute of Management LRC General Stacks | Hindi Book | 891.433 KAL (Browse shelf(Opens below)) | 1 | Available | 006183 |
संस्कृत के सर्वश्रेष्ठ कवि कालिदास ने 'कुमारसंभव' महाकाव्य में श्रृंगार-सौंदर्य का जैसा वर्णन किया है वैसा अन्यत्र दुर्लभ है। 'उपमा कालिदासस्य' तो प्रसिद्ध ही है कि आज तक कोई कवि कालिदास जैसी उपमा नहीं दे सका। 'कुमारसंभव' में कालिदास ने शिव-पार्वती के अंतरंग क्षणों का ऐसा जीवंत सौंदर्य-चित्रण किया जो संस्कृत साहित्य में अनुपम है।'कुमारसंभव' संस्कृत साहित्य की गौरवपूर्ण कृतियों में एक उल्लेखनीय महाकाव्य है जिसको पढ़ते समय पाठक उसी में रम जाता है।
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