Manzilen abhi aur bhi hai
Material type: TextPublication details: Sarvatra Bhopal 2020Description: 359 pISBN:- 9789390085842
- 658.40305 VER
Item type | Current library | Collection | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode | |
---|---|---|---|---|---|---|---|---|
Book | Indian Institute of Management LRC General Stacks | Hindi Book | 658.40305 VER (Browse shelf(Opens below)) | 1 | Available | 005360 |
व्यक्तित्व विकास के क्षेत्र में यह पुस्तक जीवन के प्रत्येक आयाम को छूती है और सफलतम उपलब्धिपूर्ण जीवन को प्राप्त करने के आधारभूत तत्वों को समाहित करती है। इसका उद्देश्य यही है कि जो अपना विकास करना चाहते हैं वे इस ज्ञान को आसान भाषा में समझ सकें तथा जीवन के अपने मुख्य लक्ष्य को सफलतापूर्वक प्राप्त कर सकें।
पुस्तक की विषयवस्तु बहुत-सी विभूतियों, विचारकों व विद्वानों के ज्ञान से आच्छादित है। यह वेदों-पुराणों, उपनिषदों से लेकर खलील जिब्रान तक, मार्केटिंग विशेषज्ञों से लेकर मानव संसाधन प्रोफेशनल्स तक की सीख व हितोपदेश पुस्तक के मंतव्य को पूरी तरह उजागर करती है।
प्रस्तुत पुस्तक व्यक्तित्व विकास के ज्ञान के आरंभिक जिज्ञासुओं को तो रास्ता दिखाएगी ही, साथ ही विद्वान पाठकों को भी संतुष्ट करेगी, चाहे वे आज व्यक्तित्व विकास और तत्व ज्ञान के किसी भी मुकाम पर क्यों न हों। अत: व्यक्तित्व विकास एवं चरित्र निर्माण पर यह पुस्तक एक उत्तम कार्यशाला है।
(https://manjulindia.com/manzile-abhi-aur-bhi-hain-hindi.html)
There are no comments on this title.