Shiksha, sahitya aur manviya mulya (शिक्षा, साहित्य और मानवीय मूल्य)
- Kolkata Pratishruti Prakashan 2019
- 167 p.
महाराष्ट्र के प्रगतिशील विचारकों की अगर सूची बनाई जाए तो उनमें डॉ. जनार्दन वाघमारे का नाम शीर्ष स्थान पर रखना होगा। 1970 से डॉ. वाघमारे अपने लेखन और व्याख्यानों द्वारा देश की युवा पीढ़ी को प्रगतिशील विचारों से जोड़ने का काम कर रहे हैं। महात्मा जोतिबा फुले, डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर, साहू महाराज आपके अध्ययन और चिंतन के विषय रहे हैं। मराठी, हिन्दी और अंग्रेजी— इन तीनों भाषाओं में सहजता से लिख लेते हैं। शिक्षा क्षेत्र के एक विशेषज्ञ के रूप में आपकी पहचान है। भारत की अतीत की शिक्षा पद्धति से लेकर वर्तमान शिक्षा पद्धति तक का आपका अध्ययन और चिंतन केवल महत्वपूर्ण ही नहीं, आगामी भविष्य की शिक्षा पद्धति के लिए मार्गदर्शक भी है।