TY - BOOK AU - Roberts, Gregory David TI - Shantaram SN - 9789390924134 U1 - 891.433 PY - 2003/// CY - Bhopal PB - Manjul Kathakaar KW - Hindi novel N2 - यह उपन्यास बॉम्बे अंडरवर्ल्ड में आठ वर्षों के दौरान घटी वास्तविक घटनाओं पर आधारित एक असाधारण कहानी को रोचक शैली में बतलाता है, जो अदम्य साहस से भरी हुई है और नैतिक उद्देश्य की प्राप्ति को केंद्र में रखती है। अस्सी के दशक की बात है। ग्रेगरी डेविड रॉबर्ट्स एक लुटेरा है और उसे हेरोइन का नशा करने की लत है। वह ऑस्ट्रेलियाई जेल से भागकर भारत आ जाता है और बॉम्बे की एक बस्ती में डेरा डाल लेता है। फिर वह बॉम्बे में ही एक निःशुल्क स्वास्थ्य क्लिनिक खोल लेता है। इस दौरान वह माफ़िया में शामिल हो जाता है और मनी लॉन्डरिंग यानी काले धन को वैध बनाना, जालसाजी और गुंडागदीं जैसे कामों में संलिप्त हो जाता है। इस बीच वह हिन्दी और मराठी सीखता है, प्रेम में पड़ता है, और एक भारतीय जेल में वक़्त बिताता है। लेकिन अगर कोई यह सोचता है कि वह कमज़ोर पड़ जाएगा तो ऐसा नहीं है। वह बॉलीवुड में अभिनय करता है और अफ़गानिस्तान में मुजाहिदीन के साथ लड़ाई में हिस्सा भी लेता है... आश्चर्यजनक रूप से रॉबर्ट्स ने शांताराम को तीन बार लिखा, जबकि पहले दो बार जेल प्रहरियों ने इसे नष्ट कर दिया था। वास्तव में यह उसकी इच्छाशक्ति को एक गहरी श्रद्धांजलि है। यह उपन्यास एक ही समय में बेहद रोमांच पैदा करने वाली, साहस से भरी कहानी और एक प्रेम गाथा होने के साथ-साथ एक भगौड़े की बर्बरता से भरी लेकिन फिर भी एक कोमल,काव्यात्मक दास्तान है। -टाइम आउट "असाधारण रूप से ज्वलंत... यह एक विराट, विस्मय से भरी, साहसी व प्रामाणिक गाया है। - डेली मेल 'सशक्त और वास्तविक... एक उल्लेखनीय उपलब्धि ।' -संडे टेलिग्राफ 'ज्वलंत और संवेदनशील... प्रभावित करने वाली पुस्तक।' - गार्डियन 'प्रकाशन जगत की एक अद्भुत घटना।' - संडे टाइम्स (https://www.manjulindia.com/ProductDetail.aspx?pid=b441e57f-5993-408e-9072-791daac9b3a2) ER -