TY - BOOK AU - Premchandra TI - Karmbhumi SN - 9789389742497 U1 - 891.433 PY - 2023/// CY - New Delhi PB - Lokbharti Prakashan KW - Hindi novel N2 - अपने वक़्त के सच को पेश करने का प्रेमचन्द का जो नज़रिया था, वह आज के लिए भी माकूल है। ग़रीबों और सताए गए लोगों के बारे में उन्होंने किसी तमाशबीन की तरह नहीं, एक साझीदार की तरह से लिखा। —फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ समाज-सुधारक प्रेमचन्द से कलाकार प्रेमचन्द का स्थान कम महत्त्वपूर्ण नहीं है। उनका लक्ष्य जिस सामाजिक संघर्ष और प्रवर्तन को चित्रित करना रहा है, उसमें वह सफल हुए हैं। —डॉ. रामविलास शर्मा क़लम के फ़ील्ड मार्शल, अपने इस महान पुरखे को दिल में अदब से झुककर और गर्व से मैं रॉयल सैल्यूट देता हूँ। —अमृतलाल नागर (https://rajkamalprakashan.com/karmbhoomi.html) ER -