Chhaparia, Manoj

Udyog aur samaj (उद्योग और समाज) - Jaipur Rawat Publications 2022 - xvi, 418 p.

भारतीय समाज औद्योगिक समाज की मुख्य विशेषताओं से युक्त तो है ही साथ ही आत्म निर्भर भारत बनने की ओर उन्मुख है। यह भी सत्य है कि वैश्विकरण, उदारीकरण और निजीकरण ने जहाँ उद्योगों के कार्य करने के तरीकों को बदला है वहीं दूसरी ओर भारतीय सामाजिक संरचना, अंतर-वैयक्तिक संबंधों, मनोवृतियों तथा परिवर्तनकारी प्रवृत्तियों का कोई भी पक्ष ऐसा नहीं है जो आज औद्योगिक संबंधों से अछूता हो। भारतीय समाज पहले से कहीं अधिक जटिल, औपचारिक, आधुनिक और परिवर्तनशील है।
प्रस्तुत पुस्तक भारत मे उद्योग, औद्योगिक संगठन की नवीन प्रवृत्ति, उत्पादन प्रक्रियाओं, औद्योगिक विवाद, श्रमिक संघ, उसके क्रिया-कलाप और वर्तमान प्रवृत्तियों, बाल श्रम और श्रम कल्याण को समझने का प्रयास है।
यह पुस्तक समाजशास्त्र, प्रबंधन, श्रम कल्याण, प्रशासकों, नीति-निर्माताओं और शोधार्थियों तथा उद्योग और समाज मे रूचि रखने वालों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी।

(https://www.rawatbooks.com/economics/industrial-society)

9788131612637


Industry and society
Industrial sociology

306.36 / CHH