Gudiya rang bharegi: gudiya aur dada
- New Delhi Rajkamal Prakashan 2025
- 25 p.
‘गुड़िया रंग भरेगी’ शृंखला एक दादा द्वारा अपनी प्यारी-दुलारी नन्ही पोती के लिए लिखी गई कविताओं की शृंखला है। इस शृंखला की पुस्तक ‘गुड़िया और दादा’ में दादा ने अपनी नन्ही पोती की मासूमियत और उसकी शरारतों को कविता के रूप में व्यक्त किया है। एक दादा के प्यार-दुलार और ममता को संप्रेषित करने वाली ये कविताएं पढ़ने वाले के मन को मोह लेती हैं। मासूमियत, निश्छलता और स्नेह से भरी ये कविताएं पढ़ने वालों को तमाम रंगों से भर देती हैं।
यह सिर्फ़ कविताओं की ही नहीं बल्कि रंगों की भी किताब है। कविताओं वाली यह कलरिंग बुक बच्चों को कविताओं के साथ साथ कलर करने की खुशी भी देगी। पुस्तक के चित्र और चित्रों के बीच कविताएँ उसे आकर्षक और रोचक बनाती हैं।