Stree vimarsh: Gandhi aur lohiya ke sandarbh mein (स्त्री विमर्श: गांधी और लोहिया के संदर्भ में)
- Jaipur Rawat Publications 2024
- 180 p.
प्रस्तुत पुस्तक भारतीय राजनीतिक चिंतन में स्त्री विमर्श के संबंध में गांधी एवं लोहिया जैसे समकालीन राजनीतिक चिंतकों के दर्शन में निहित स्त्री स्वातंत्र्य के विविध आयामों पर विस्तार से विचार करने का गंभीर प्रयत्न करती है। पुस्तक अपनी व्यापक पृष्ठभूमि में उनके चिंतन में आधुनिक नारीवादी विमर्श के बहुत से विवादित प्रश्नों: यौन शुचिता, परंपरागत श्रम विभाजन, व्यक्तिगत सार्वजनिक विभेद, महिला आरक्षण, राजनीतिक प्रतिनिधित्व, सौंदर्यबोध की नकारात्मकता, पितृसत्तात्मक व्यवस्था का खंडन, स्त्री की स्व-पहचान जैसे प्रश्नों को प्राथमिकता से उठाने के साथ इस संबंध में मौलिक विचार देते हुए भारतीय स्त्रीवादी विमर्श के कुछ मूल सिद्धान्तों एवं प्रतिमानों को उसके सही अर्थों में प्रतिस्थापित करने का प्रयास करती है। पुस्तक में नारीवादी विमर्श के संदर्भ में गांधी एवं लोहिया के विचारों का विश्लेषण करते हुए उनके विचारों की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला गया है जो स्त्री विमर्श को एक सार्थक गति एवं दिशा प्रदान करती है।