Mahatma Gandhi avam ahinsa ka samajshastra (महात्मा गांधी एवं अहिंसा का समाजशास्त्र) - Jaipur Rawat Publications 2024 - 260 p.

महात्मा गांधी (1869-1948) भारतीय स्वाधीनता संघर्ष तथा दक्षिण अफ्रीका में नस्ल विरोधी आंदोलन के सर्वाधिक शक्तिशाली हस्ताक्षर हैं। चिन्तन एवं सक्रियता के समन्वय से गांधी के व्यक्तित्व की रचना होती है जिसमें सत्य, अहिंसा, शान्ति, सत्याग्रह, प्रतिबद्धता एवं निर्भीकता के मूल्यों का गहराई से समावेश है। सर्वधर्म सद्भाव के प्रखर प्रवक्ता होने के कारण साम्प्रदायिक एवं एक्सक्लूजनरी सोच की वैचारिकी ने तीस जनवरी सन् 1948 को उनकी हत्या कर दी। यह हत्या समानता, स्वतन्त्रता, लोकतन्त्र एवं न्याय के मूल्यों पर भी प्रहार थी। हिंसा एवं साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण निर्देशित विभाजन मूलक राजनीति के वर्तमान दौर में महात्मा गांधी का चिन्तन ‘द आइडिया ऑफ इंडिया’ की साझा संस्कृति की भाषा से बनी इबारत लिखता है। महात्मा गांधी लोकतन्त्र एवं समावेशी जीवन क्रियाओं का प्रतिनिधित्व करने के कारण समाज विज्ञान के ऐसे विचारक के रूप में उभरते हैं जो ‘अहिंसा के समाजशास्त्र’ की शाखा को आधार देता है।
इस पृष्ठभूमि के साथ इस सम्पादित पुस्तक के समस्त आलेखों एवं दस्तावेजों को पढ़ने, समझने व विचार करने की जरूरत है।

(https://www.rawatbooks.com/sociology/MAHATMA-GANDHI-AHINSHA-SAMAJSHASTRA)

9788131613580


Sociology
Mahatma Gandhi

301 / GUP