Raw, ISI aur shanti ka bhram: ek jasusi vratant
- Bhopal Manjul Publishing House 2019
- xxi, 262 p.
2016 में ए।एस दुलत और दुर्रानी के बीच समान धरातल तराशने के लिए वार्ताओं की श्रंखला चली। इनमें से एक रॉ के पूर्व प्रमुख थे, जो भारत की बाह्य ख़ुफ़िया एजेंसी है और दूसरे थे इसके पाकिस्तान समकक्ष आईएसआई के प्रमुख। चूंकि ये दोनों अपने देश में मुलाकात नहीं कर सकते थे, इसीलिए पत्रकार आदित्य सिन्हा द्वारा निर्देशित यह बातचीत इस्तांबुल, बैंकॉक और काठमांडू जैसे शहरों में हुई। वार्ता के मुद्दों में दक्षिण एशिया को लंबे समय से झकझोरने वाले टकराव के बिंदु शामिल थे, जिसके कारण जान-माल का नुकसान होता रहा है। यह दो जासूस प्रमुखों के नज़रिये से देखे गए उपमहाद्वीप की राजनीति के गहरे अन्वेषण जैसा था। वार्ता में कश्मीर और शांति के गंवाए हुए मौके, हाफ़िज़ सईद और 26 /११, कुलभूषण जाधव, सर्जिकल स्ट्राइक, ओसामा बिन लादेन संबंधी सौदेबाज़ी, भारत पकिस्तान के संबन्धों में अमेरिका और रूस का प्रभाव और कैसे आतंकवादी इन दो एशियाई देशों की वार्ता की कोशिशों को विफल कर देता है, जैसे विषय शामिल थे। जब यह बातचीत पहली बार आरंभ हुई, जनरल दुर्रानी ने हँसते हुए कहा कि कोई भी इस पर भरोसा नहीं करेगा, भले ही इसे फिक्शन क्यों न मान लिया जाए। बेचैनी से भरे रिश्तों के बीच दो जासूसी एजेंसियों के पूर्व प्रमुखों के बीच हुई बातचीत से - जो कि अपनी तरह का पहला प्रयास है - कुछ सवालों के जवाब मिल सकते हैं।