TY - BOOK AU - Pattanaik, Devdutt TI - Meri Geeta SN - 9788129144836 U1 - 294.5924 PY - 2017/// CY - New Delhi PB - Rupa Publications India Pvt. Ltd. KW - Bhagavad Gita KW - Hindu philosophy N2 - देवदत्त पटनायक के समकालीन पाठकों के लिए भगवद गीता के रहस्यों को उद्घाटित किया है I गीता का श्लोक व्याख्या करने के बाजय उनकी कथ्यपरक विषयगत दृष्टिकोण अदभुत है जो इस प्राचीन आलेख को उत्कृष्ट रूप से सुगम बनती है, जिसमें उनके द्वारा बनाए गए चित्र एवं आकृतियाँ भी शामिल हैं I एक ऐसे संसार में जो बातचीत की बजाय तर्क-वितर्क से, संवाद की बजाय विवाद से मंत्रमुग्ध दिखाई पड़ती है, वहां देवदत्त इसे रेखांकित करते हैं कि कैसे कृष्ण, अर्जुन को रिश्तों की आलोचना न करके उसे समझने की ओर धकेलते हैं I यह आज और भी ज़्यादा प्रासांगिक बन जाता है जब हम 'आत्म' (आत्म-परिष्करण, आत्म यथार्थबोध, आत्मबोध और यहाँ तक कि सैल्फी!) को तुष्ट करने और अलगाने की ओर बढ़ रहे हैं I हम भूल गए हैं कि हम दूसरों के इकोसिस्टम में रहते हैं, जहाँ हम भोजन, प्रेम ओर अर्थ देने-पाने से एक दूसरे का पोषण करते हैं I यहाँ तक कि तब भी जब हम झगड़ते हैं I 'मेरी गीता' आप तक यही सन्देश पहुँचाने का मौका देती है I (https://manjulindia.com/meri-gita.html) ER -