Kore kagaz
Material type: TextPublication details: Vani Prakashan New Delhi 2022Description: 95 pISBN:- 9789355184979
- 891.433 PRI
Item type | Current library | Collection | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode | |
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Book | Indian Institute of Management LRC General Stacks | Hindi Book | 891.433 PRI (Browse shelf(Opens below)) | 1 | Available | 006177 |
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891.433 PRA Zindagi tere kitne roop | 891.433 PRE Ruthi Rani | 891.433 PRI Pachpan khambhe lal deewaren | 891.433 PRI Kore kagaz | 891.433 PUP Alama kabutari | 891.433 RAN Munawwar nama | 891.433 REN Maila Aanchal |
कोरे काग़ज़ - ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित अमृता प्रीतम का महत्त्वपूर्ण लघु उपन्यास है कोरे काग़ज़। नाम ज़रूर है कोरे काग़ज़, मगर एक युवा मन की कितनी कातरता, कितनी बेचैनी इसमें उभरकर आयी है, इसका अनुमान आप उपन्यास प्रारम्भ करते ही लगा लेंगे। चौबीस वर्षीय पंकज को जब यह पता चलता है कि उसकी माँ, उसकी माँ नहीं थी, तब अपनी असली माँ, अपने असली बाप को जानने की तड़प उसे दीवानगी की हदों तक ले जाती है। उसकी अपनी पहचान जैसे ख़ुद उसके लिए अजनबी बन जाती है। कुँवारी माँ का नाजायज़ बेटा—उसकी और उसके बाप के बीच एक ही रिश्ता तो क़ायम रह सकता था—कोरे काग़ज़ का रिश्ता। प्रस्तुत है, अमृता प्रीतम के इस मनोहारी उपन्यास कोरे काग़ज़ का नया संस्करण।
(https://vaniprakashan.com/home/product_view/6274/Kore-Kagaz)
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