Sookha patta
Material type: TextPublication details: Rajkamal Prakashan New Delhi 2017Description: 184 pISBN:- 9788126709830
- 891.433 AMA
Item type | Current library | Collection | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode | |
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Book | Indian Institute of Management LRC General Stacks | Hindi Book | 891.433 AMA (Browse shelf(Opens below)) | 1 | Available | 006142 |
वर्ष 1959 में प्रकाशित ‘सूखा पत्ता’ को अमरकान्त की ही नहीं, बल्कि उस दौर में लिखे गए समूचे उपन्यास-साहित्य की एक विशिष्ट उपलब्धि माना जाता है।
आज़ादी से पहले के पूर्वी उत्तर प्रदेश का क़स्बाई परिवेश और इसके किशोर कथा-नायक कृष्ण का चित्रण यहाँ असाधारण रूप में हुआ है। कृष्ण के मित्र मनमोहन के रूप में किशोरावस्था की मानसिक विकृतियों, कृष्ण के ‘क्रान्तिकारी’ रूझान के बहाने अपरिपक्व युवा मानस की कमज़ोरियों और कृष्ण-उर्मिला-प्रेमकथा के सहारे समाज की मानव-विरोधी रूढ़ परम्पराओं पर तीखा प्रहार इस उपन्यास में किया गया है।
किशोर वय से युवावस्था में प्रवेश करते छात्र-जीवन की अनुभव-विविधता के बीच अनायास जुड़ गए कृष्ण-उर्मिला प्रसंग को लेखक ने जिस सूक्ष्मता और विस्तार से उकेरा है, उसकी ताज़गी, सहजता और सादगी हिन्दी कथा-साहित्य की बेजोड़ उपलब्धि है। इस प्रणय-गाथा की पवित्र और गहन आत्मीय सुगन्ध मन में कहीं गहरे पैठ जाती है; और साथ ही यह तकलीफ़ भी कि सामाजिक रूढ़ियों की दीवार आख़िर कब तक दो युवा-हृदयों के बीच उठाई जाती रहेगी?
(https://rajkamalprakashan.com/sookha-patta.html)
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