Manas ka Hans
Material type: TextPublication details: Rajpal and Sons Delhi 2023Description: 376 pISBN:- 9788170282495
- 891.434 NAG
Item type | Current library | Collection | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode | |
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Book | Indian Institute of Management LRC General Stacks | Hindi Book | 891.434 NAG (Browse shelf(Opens below)) | 1 | Available | 006191 |
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891.434 DIW Ashok ke phool | 891.434 JHA Khattar kaka | 891.434 KOH Abhigyan | 891.434 NAG Manas ka Hans | 891.434 PAR Thithurata huaa gantantra | 891.434 PRE Nibandhon ki duniya | 891.43409 SHU Chintamani |
"मानस का हंस" लेखक अमृतलाल नागर का प्रतिष्ठित बृहद उपन्यास है। इसमें पहली बार व्यापक कैनवास पर "रामचरितमानस" के लोकप्रिय लेखक गोस्वामी तुलसीदास के जीवन को आधार बनाकर कथा रची गई है, जो विलक्षण के रूप से प्रेरक, ज्ञानवर्धक और पठनीय है। इस उपन्यास में तुलसीदास का जो स्वरूप चित्रित किया गया है, वह एक सहज मानव का रूप है। यही कारण है कि "मानस का हंस" हिन्दी उपन्यासों में 'क्लासिक' का सम्मान पा चुका है और हिन्दी साहित्य की अमूल्य निधि माना जाता है। नागर जी ने इसे गहरे अध्ययन और मंथन के पश्चात अपने विशिष्ट लखनवी अन्दाज़ में लिखा है। बृहद होने पर भी यह उपन्यास अपनी रोचकता में अप्रतिम है।
(https://rekhtabooks.com/products/manas-ka-hans)
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