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Madhyakalin Bharat ka Itihas

By: Material type: TextTextPublication details: Atlantic Publishers New Delhi 2005Description: viii, 423 pISBN:
  • 9788126904648
Subject(s): DDC classification:
  • 954.02 SEN
Summary: मनुष्य के जीवन के सतत् विकास का अध्ययन ही इतिहास का सार है, अतः इसकी उपयोगिता निर्विवाद है। विगत सफलताओं-असफलताओं के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान को समझना और तद्नुरूप भविष्य को संवारना ही इतिहास का ध्येय है। इसीलिए मानव के राजनैतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक तथा आर्थिक विकास की गति और इसकी रूपरेखा इतिहास के निरूपण में समाविष्ट होती है। रोचक और सुबोध शैली में लिखित मध्यकालीन भारत का इतिहास में मध्यकालीन भारत के सभी पहलुओं का गहन, विस्तृत एवं आलोचनात्मक विवेचन किया गया है। इस विषय पर उपलब्ध महत्वपूर्ण ग्रन्थों का समुचित उपयोग करते हुए इतिहास से संबंधित आवश्यक सामग्री को एक युक्तिसंगत तरीके से प्रस्तुत करने का यह एक सफल प्रयास है। प्रस्तुत पुस्तक में पूर्व मध्यकाल से लेकर यूरोपीय कंपनियों के भारत आगमन तक के इतिहास का क्रमबद्ध विवरण निम्न शीर्षक के अर्न्तगत दिया गया हैः मध्यकालीन भारतीय इतिहास के स्रोत, राजपूत काल, चोल साम्राज्य, मुस्लिम आक्रमण, दिल्ली सल्तनत, समन्वित संस्कृति, प्रान्तीय राजवंश, विजयनगर साम्राज्य, मुगल साम्राज्य, मराठा साम्राज्य, यूरोपियों का आगमन। भारतीय इतिहास में रूचि रखने वाले शिक्षकों एवं विद्यार्थियों विशेषकर प्रशासनिक सेवा के प्रतियोगियों के लिए यह पुस्तक निस्संदेह उपयोगी सिद्ध होगी। (https://atlanticbooks.com/madhyakaalin-bharat-ka-itihaas-hardbound-2005-by-shailendra-sengar-9788126904648)
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954 RAD Bharatiya sanskriti: 954 SIN Mera Bharat 954.02 GUP Bhartiya itihaas 954.02 SEN Madhyakalin Bharat ka Itihas 954.031092 SIN Raja Rammohan Roy ke vichar 954.035 DEE India arthat bharat: upniveshikta, savyata, samvidhan 954.035 GAN Mere sapano ka Bharat

मनुष्य के जीवन के सतत् विकास का अध्ययन ही इतिहास का सार है, अतः इसकी उपयोगिता निर्विवाद है। विगत सफलताओं-असफलताओं के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान को समझना और तद्नुरूप भविष्य को संवारना ही इतिहास का ध्येय है। इसीलिए मानव के राजनैतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक तथा आर्थिक विकास की गति और इसकी रूपरेखा इतिहास के निरूपण में समाविष्ट होती है। रोचक और सुबोध शैली में लिखित मध्यकालीन भारत का इतिहास में मध्यकालीन भारत के सभी पहलुओं का गहन, विस्तृत एवं आलोचनात्मक विवेचन किया गया है। इस विषय पर उपलब्ध महत्वपूर्ण ग्रन्थों का समुचित उपयोग करते हुए इतिहास से संबंधित आवश्यक सामग्री को एक युक्तिसंगत तरीके से प्रस्तुत करने का यह एक सफल प्रयास है।

प्रस्तुत पुस्तक में पूर्व मध्यकाल से लेकर यूरोपीय कंपनियों के भारत आगमन तक के इतिहास का क्रमबद्ध विवरण निम्न शीर्षक के अर्न्तगत दिया गया हैः

मध्यकालीन भारतीय इतिहास के स्रोत, राजपूत काल, चोल साम्राज्य, मुस्लिम आक्रमण, दिल्ली सल्तनत, समन्वित संस्कृति, प्रान्तीय राजवंश, विजयनगर साम्राज्य, मुगल साम्राज्य, मराठा साम्राज्य, यूरोपियों का आगमन।

भारतीय इतिहास में रूचि रखने वाले शिक्षकों एवं विद्यार्थियों विशेषकर प्रशासनिक सेवा के प्रतियोगियों के लिए यह पुस्तक निस्संदेह उपयोगी सिद्ध होगी।

(https://atlanticbooks.com/madhyakaalin-bharat-ka-itihaas-hardbound-2005-by-shailendra-sengar-9788126904648)

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