Abhigyan
Material type: TextPublication details: Rajpal and Sons Delhi 2023Description: 163 pISBN:- 9789350641170
- 891.434 KOH
Item type | Current library | Collection | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode | |
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Book | Indian Institute of Management LRC General Stacks | Hindi Book | 891.434 KOH (Browse shelf(Opens below)) | 1 | Available | 006186 |
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891.434 BHA Zindagi 50-50 | 891.434 DIW Ashok ke phool | 891.434 JHA Khattar kaka | 891.434 KOH Abhigyan | 891.434 NAG Manas ka Hans | 891.434 PAR Thithurata huaa gantantra | 891.434 PRE Nibandhon ki duniya |
2017 में 'पद्मश्री' और 2012 में 'व्यास सम्मान' से अलंकृत नरेंद्र कोहली की गणना हिंदी के प्रमुख साहित्यकारों में होती है। 1947 के बाद के हिंदी साहित्य में उनकायोगदान अमूल्य है। उन्होंने प्राचीन महाकाव्योंको आधुनिक पाठकों के लिए गद्य रूप में लिखने का एक नया चलन शुरू किया और पौराणिक कथानकों पर अनेक साहित्यिक कृतियॉं रचीं।अभिज्ञान के कथानक की रचना गीता में वर्णित कृष्ण के कर्म-सिद्धांत की आधार भूमि है। लेकिन यह उपन्यास कर्म-सिद्धांत की पुष्टि के लिए नहीं, उसे समझाने के लिए है, जिससे साधारण मनुष्य भी अपने जीवन में इसका पालन कर सकता है। एक सांस्कृतिक उपन्यास जो प्राचीन और आज की शिक्षा-प्रणाली, गुरु-शिष्य परंपरा की अंतर्कथा भी है।तोड़ो कारा तोड़ो, वसुदेव, साथ सहा गया दुख, हत्यारे, आतंक और वरुणपुत्री उनकी अन्य लोकप्रिय पुस्तकें हैं।
(https://rekhtabooks.com/products/abhigyan)
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