Non resident Bihari: kahin paas kahin fail
Material type: TextPublication details: Radhakrishna Prakashan Pvt. Ltd. Delhi 2022Edition: 5th edDescription: 117 pISBN:- 9788183617963
- 891.43008 MIS
Item type | Current library | Collection | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode | |
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Book | Indian Institute of Management LRC General Stacks | Hindi Book | 891.43008 MIS (Browse shelf(Opens below)) | 1 | Available | 005362 |
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891.43 VAS Premchand ki 21 kahaniyaan | 891.43 VIS Mein jo hoon,'Jon Elia' hoon | 891.43 YAM Kabir: ek jeewant spandan | 891.43008 MIS Non resident Bihari: kahin paas kahin fail | 891.4303 PRE Godan | 891.4309 ANA Sanskar | 891.4309 BHA Mahabhoj |
क्या होता है जब बिहार में किसी भी थोड़े सम्पन्न परिवार में बच्चे का जन्म होता है? उसके जन्मते ही उसके बिहार छूटने का दिन क्यों तय हो जाता है? जब सभी जानते हैं कि मूँछ की रेख उभरने से पहले उसको अनजान लोगों के बीच चले जाना है—तब भी क्यों उसको गोलू-मोलू-दुलारा बना के पाला जाता है? वही ‘दुलारा बच्चा’ जब आख़िरकार ट्रेन में बिठाकर बिहार से बाहर भेज दिया जाता है तब क्या होता है उसके साथ? सांस्कृतिक धक्के अलग लगते हैं, भावनात्मक अभाव का झटका अलग—इनसे कैसे उबरता है वह? क्यों तब उसको किसी दोस्त में माशूका और माशूका में सारे जहाँ का सुकून मिलने लगता है?
‘एनआरबी’ के नायक राहुल की इतनी भर कहानी है—एक तरफ़ यूपीएससी और दूसरी तरफ़ शालू। यूपीएससी उसकी ज़िन्दगी है, शालू जैसे ज़िन्दगी की ‘ज़िन्दगी’। एक का छूटना साफ़ दिखने लगता है और दूसरी किनारे पर टँगी पतंग की तरह है। लेकिन इसमें हो जाता है लोचा। क्या? सवाल बहुतेरे हैं। जवाब आपके पास भी हो सकते हैं। लेकिन ‘नॉन रेज़िडेंट बिहारी’ पढ़कर देखिए—हर पन्ना आपको गुदगुदाते, चिकोटी काटते, याद-गली में भटकाते ले जाएगा एक दिलचस्प अनुभव की ओर।
(https://rajkamalprakashan.com/non-resident-bihari-kahin-paas-kahin-fail.html)
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