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Bhoole bisre chitra

By: Material type: TextTextPublication details: Rajkamal Prakashan Pvt. Ltd. New Delhi 2023Edition: 8th edDescription: 495 pISBN:
  • 9788126717071
Subject(s): DDC classification:
  • 891.4309 VER
Summary: एक महान् कृति, भारतीय समाज और परिवार के विकास की विविध दिशाओं और रूपों का एक विराट एवं प्रभावोत्पादक चित्र। -डॉ. एस.एन. गणेशन निकट अतीत के चित्रों का एक एलबम—वह अतीत जिसे वर्तमान पीढ़ी को न भूलना चाहिए और न जिससे विमुख ही होना चाहिए, क्योंकि उसी में हमारे नए जीवन का बीजारोपण हुआ था। परिवार के चित्रों के एलबम के विपरीत इस एलबम के चित्र धुँधले नहीं पड़े हैं, क्योंकि कैमरा एक ही रहा है। लैंसों का प्रयोग इस कुशलता से किया गया है कि चित्र बिल्कुल साफ़ और हूबहू अंकित हुए हैं, दूरी ने उन्हें धुँधला नहीं किया है, भावातिरेक या दुःख ने विकृत नहीं किया है। —जगदीशचन्द्र माथुर (https://rajkamalprakashan.com/bhoole-bisre-chitra.html)
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Book Book Indian Institute of Management LRC General Stacks Hindi Book 891.4309 VER (Browse shelf(Opens below)) 1 Available 005368
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891.4309 SHA Lankeshwar 891.4309 VAT Shekhar: ek jeevani (Utthaan) 891.4309 VAT Shekhar: ek jeevani (Sangharsh) 891.4309 VER Bhoole bisre chitra 891.4309 VER Rekha 891.431 BHA Her pher: hasya vayanga kavitayen 891.431 DHA Duniya roj banti hai

एक महान् कृति, भारतीय समाज और परिवार के विकास की विविध दिशाओं और रूपों का एक विराट एवं प्रभावोत्पादक चित्र।

-डॉ. एस.एन. गणेशन

निकट अतीत के चित्रों का एक एलबम—वह अतीत जिसे वर्तमान पीढ़ी को न भूलना चाहिए और न जिससे विमुख ही होना चाहिए, क्योंकि उसी में हमारे नए जीवन का बीजारोपण हुआ था। परिवार के चित्रों के एलबम के विपरीत इस एलबम के चित्र धुँधले नहीं पड़े हैं, क्योंकि कैमरा एक ही रहा है। लैंसों का प्रयोग इस कुशलता से किया गया है कि चित्र बिल्कुल साफ़ और हूबहू अंकित हुए हैं, दूरी ने उन्हें धुँधला नहीं किया है, भावातिरेक या दुःख ने विकृत नहीं किया है।

—जगदीशचन्द्र माथुर

(https://rajkamalprakashan.com/bhoole-bisre-chitra.html)

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