Sampooran kahaniyan
Material type: TextPublication details: Rajkamal Prakashan New Delhi 2020Description: 259 pISBN:- 9788126713677
- 891.4336 TRI
Item type | Current library | Collection | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode | |
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Book | Indian Institute of Management LRC General Stacks | Hindi Book | 891.4336 TRI (Browse shelf(Opens below)) | 1 | Available | 005383 |
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891.4335 PRE Rangbhoomi | 891.4335 PRE Gaban | 891.4335 PRE Namak ka daroga | 891.4336 TRI Sampooran kahaniyan | 891.4336 VER Chitralekha | 891.4337 SHU Pahala padav | 891.43371 PAN Sansad se sarak tak |
‘सम्पूर्ण कहानियाँ’—प्रखर जनवादी चेतना के लेखक निराला की 25 कहानियों का महत्त्वपूर्ण संग्रह है। इन कहानियों को रचना-क्रम और प्रकाशन-क्रम से यहाँ प्रस्तुत किया गया है।
निराला ने अपनी इन कहानियों में विषयवस्तु के अनुरूप ही कहानी का नया रूप गढ़ा है। वे कई बार संस्मरणात्मक ढंग से अपनी बात करते हैं, लेकिन अन्त तक आते-आते मामूली-से बदलाव से संस्मरण को कहानी में बदल देते हैं।
निराला के पहले चरण के उपन्यासों में जिस तरह कल्पना और यथार्थ के बीच अन्तर्विरोध दिखाई देता है, वह अन्तर्विरोध उपन्यास की अपेक्षा इन कहानियों में ज़्यादा तीखा है।
इन कहानियों में उनका गद्य हास्य का पुट लिये नई दीप्ति के साथ सामने आया है। जितना उसमें कसाव है, पैनापन भी उतना ही।
सुरुचिपूर्ण साज-सज्जा में प्रकाशित निराला की ये सम्पूर्ण कहानियाँ पाठकों को पहले की तरह ही अपनी ओर आकर्षित करेंगी।
(https://rajkamalprakashan.com/sampooran-kahaniyan-suryakant-tripathi-nirala.html)
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