Ratan Tata: ek prakash stambh
Material type: TextPublication details: Manjul Publishing House Bhopal 2022Description: xii, 217 pISBN:- 9789355430540
- 658.4092 NAI
Item type | Current library | Collection | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode | |
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Book | Indian Institute of Management LRC General Stacks | Hindi Book | 658.4092 NAI (Browse shelf(Opens below)) | 1 | Available | 005349 |
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651 SIN Karyalya: prabandhan ke sidhant | 658.155 RAG Safal business ke funde | 658.40305 VER Manzilen abhi aur bhi hai | 658.4092 NAI Ratan Tata: ek prakash stambh | 658.84 BAJ Baniye social media millionaire | 658.87 GUP Parbhandh ke siddhant | 720.954 CHA Sampoorn Vaastu Shastra |
भारतीय उद्योग के महानायक के मानवीय पहलुओं का कथाचित्र
मैंने उनसे कहा कि जब मैं किताब लिखूंगा तो वह केवल ऐतिहासिक घटनाओं या कारोबार के महत्त्वपूर्ण आयाम के संबंध में नहीं होगी। मैं आपके दूसरे पहलू को सामने लाना चाहूंगा। यह हम दोनों के और उस रोमांचक समय के बारे में होगी जो हम दोनों ने साथ में जिया है - जैसा मैंने उनको देखा, उनके जीवन के अलग-अलग रंग जिनसे दुनिया अपरिचित है। भारत के महान वज्र पुरुष का परदे के पीछे का जीवन। वह तैयार हो गए। ‘ऐसी कोई एक किताब नहीं हो सकती जिसमें सभी कुछ समा सके... तो आप अपना द़ृष्टिकोण इसमें रखें।’
दोनों के दिल में गली-सड़कों के बेसहारा कुत्तों को लेकर गहरी संवेदना थी जिसने बेमेल-सी दिखाई देने वाली दोस्ती को जन्म दिया। 2014 में बीस वर्ष से थो़डी ही बड़ी उम्र के ऑटोमोबाइल ड़िजाइन इंजीनियर शांतनु नायडू ने सड़कों पर रहने वाले बेसहारा कुत्तों को गाड़ियों द्वारा कुचले जाने से बचाने के लिए अनोखी पहल की। रतन टाटा ख़ुद भी इन बेसहारा कुत्तों के प्रति गहरी हमदर्दी के लिए जाने जाते हैं। शांतनु की अनोखी पहल से प्रभावित होकर उन्होंने न केवल इस परियोजना में निवेश किया बल्कि आगे चलकर वे इसके संरक्षक व प्रमुख बनने के साथ ही अप्रत्याशित रूप से शांतनु के प्रिय दोस्त भी बन गए।
यह पुस्तक एक नौजवान और जीवन के आठ दशक पूरे कर चुके बुज़ुर्ग के बीच अनूठे रिश्ते का ईमानदार, सहज-सरल वृत्तान्त है जो भारतीयों के दिल में बसे महानायक के जीवन की एक झलक दिखाता है।
(https://manjulindia.com/ratan-tata-ek-prakash-stambh-hindi-edn-of-i-came-upon-a-lighthouse-a-short-memoir-of-life-with-ratan-tata.html)
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