Lankeshwar
Material type: TextPublication details: Radhakrishna Prakashan Pvt. Ltd. Delhi 2022Edition: 4th edDescription: 635 pISBN:- 9788183616713
- 891.4309 SHA
Item type | Current library | Collection | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode | |
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Book | Indian Institute of Management LRC General Stacks | Hindi Book | 891.4309 SHA (Browse shelf(Opens below)) | 1 | Available | 005363 |
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891.4309 CHA Pagalkhana | 891.4309 PRA Anya se Ananya | 891.4309 PRE Pratigya | 891.4309 SHA Lankeshwar | 891.4309 VAT Shekhar: ek jeevani (Utthaan) | 891.4309 VAT Shekhar: ek jeevani (Sangharsh) | 891.4309 VER Bhoole bisre chitra |
‘लंकेश्वर’ उपन्यास में लेखक ने राम-रावण की कथा को पौराणिक कथाओं, पुराख्यानों तथा विभिन्न रामकथाओं का अध्ययन कर उन्हें मनोवैज्ञानिक और वैज्ञानिक विश्लेषणों के माध्यम से उकेरा है। रावण इस बृहद् कथा का केन्द्रीय पात्र है। उपन्यास में रावण को बहुमुखी प्रतिभा का धनी के रूप में नहीं, बल्कि एक सामाजिक और व्यावहारिक व्यक्ति के रूप में दर्शाया गया है।
तीन खंडों में विभाजित—‘दिग्विजय’ खंड में राक्षसराज रावण के आदर्शों, मानवीय मूल्यों, उसकी विराट सत्ता व धार्मिक सहिष्णुता की, तो ‘वाग्धारा’ खंड में राम के विराट, सहृदय, मर्यादा और त्याग-भरे आदर्श जीवन की व्याख्या है। 'मुक्ति’ खंड में राम-रावण युद्ध है जिसका आधार वैमनस्य नहीं, बल्कि वैचारिक अन्तर्विरोध तथा दो भिन्न संस्कृतियों का आमना-सामना है।
लेखक ने उपन्यास में इस बृहद् कथा के परिवेश को जीवन्त रखने के लिए पौराणिक शब्द-सम्पदा का भरपूर उपयोग किया है तथा एक सुपरिचित कथा को रोचक व पठनीय बनाए रखने में सफलता हासिल की है।
(https://rajkamalprakashan.com/lankeshwar.html)
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