Kuber: Lanka ka poorve raja
Material type: TextPublication details: Manjul Publishing House Bhopal 2022Description: 236 pISBN:- 9789355430885
- 294.1 GAR
Item type | Current library | Collection | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode | |
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Book | Indian Institute of Management LRC General Stacks | Hindi Book | 294.1 GAR (Browse shelf(Opens below)) | 1 | Available | 005329 |
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181.48 VAS Swami Vivekanand ke shreshth prerak prasang | 188 KRI Dhyaan | 248.4 MAR Hanste Hanste Kaise Jiyen | 294.1 GAR Kuber: Lanka ka poorve raja | 294.3 VAS Mahatma buddh ke shresth prerak prasang | 294.3927 MAS Zen: saral jeevan jeene ki kala | 294.4 SIR Bhagwan Mahavir: mann par vijay prapt karne ka marga |
देवासुर संग्राम में देवताओं ने राक्षसों को स्वर्ण-नगरी लंका से खदेड़कर पाताल पहुँचा दिया। इसी बीच, ब्रह्मा के प्रपौत्र कुबेर ने वीरान हो चुकी लंका पर अधिकार स्थापित कर लिया। यह बात राक्षसों से सहन नहीं हुई। उन्होंने लंका को वापस पाने का एक भयानक षड्यंत्र रचा, जिसने कुबेर के संसार को पलट कर रख दिया। लंका का असली राजा कौन था? कुबेर को धन का देवताऔर यक्षों का स्वामी किसने बनाया? कुबेर और रावण सौतेले भाई कैसे बने? कुबेर और रावण की शत्रुता उन्हें कहाँ ले गई? कुबेर के साथ ऐसा क्या हुआ जिसने कालांतर में महाकवि कालिदास की प्रसिद्ध रचना ‘मेघदूत’ की आधारशिला रखी? कुबेर का काले धन (ब्लैक मनी) से क्या संबंध है? यदि ये प्रश्न आपके मन में कौतूहल जगाते हैं, तो यह पुस्तक आपके लिए है।
इसे विडंबना ही कहेंगे कि आज का धन-लोभी मनुष्य,धन के देवता कुबेर के जीवन से पूरी तरह अनजान है! लेखक ने इस उपन्यास में कुबेर की जीवन-गाथा के अतिरिक्त ‘मेघदूत’ की रचना और समाज में काले-धन की समस्या को बड़ी कुशलता से परस्पर गूँथकर प्रस्तुत किया है।
(https://manjulindia.com/kuber-hindi.html)
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