Duniya jise kehte hain
Material type: TextPublication details: Manjul Publishing House Bhopal 2021Description: 283 pISBN:- 9788183227360
- 891.431 FAZ
Item type | Current library | Collection | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode | |
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Book | Indian Institute of Management LRC General Stacks | Hindi Book | 891.431 FAZ (Browse shelf(Opens below)) | 1 | Available | 005344 |
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891.4309 VER Rekha | 891.431 BHA Her pher: hasya vayanga kavitayen | 891.431 DHA Duniya roj banti hai | 891.431 FAZ Duniya jise kehte hain | 891.431 KUN Apne samne | 891.431 NAR Atmajayee (आत्मजयी) | 891.431 PRA Titli |
निदा फ़ाज़ली उन दिनों से हिन्दी पाठकों के प्रिय हैं, जिन दिनों हिन्दी के पाठक मीर, ग़ालिब, इकबाल फ़िराक़, आदि के अलावा शायद ही किसी नये उर्दू शायर को जानते हों। आठवें दशक के आरम्भ में ही उनके अनेक शेर हिन्दी की लाखों की संख्या में छपने वाली पत्रिकाओं धर्मयुग, सारिका आदि के माध्यम से हिन्दी पाठकों के बीच लोकप्रिय हो चुके थे और अधिकांश हिन्दी पाठक उन्हें हिन्दी का ही कवि समझते थे।
'दुनिया जिसे कहते हैं', में उनकी प्रसिद्ध और प्रतिनिधि ग़ज़लों और नज़्मों को शामिल किया गया है। बहुत-सी रचनाएँ हिन्दी के पाठकों को पहली बार पढ़ने को मिलेंगी। प्रयास किया गया है कि उनकी श्रेष्ठ रचनाओं का एक प्रामाणिक संकलन देवनागरी में सामने आए।
(https://manjulindia.com/duniya-jise-kahte-hain.html)
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