Maharana: shaharsh varsho ka dharamyudha
Material type: TextPublication details: Prabhat Prakashan New Delhi 2022Description: 391 pISBN:- 9789355213730
- 954.4 RAT
Item type | Current library | Collection | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode | |
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Book | Indian Institute of Management LRC General Stacks | Hindi Book | 954.4 RAT (Browse shelf(Opens below)) | 1 | Checked out | 01/12/2025 | 003072 |
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954.0350924 NEH Netaji ka nidhan: ek rahasya | 954.04 GUH Bharat: Gandhi ke baad | 954.05 GUH Bharat: Nehru ke baad | 954.4 RAT Maharana: shaharsh varsho ka dharamyudha | 954.56 GUP Qutub Minar: badlo main chipa sir | 954.82 KRI Mahabalipuram: Tamilnadu main Ganga ka aana |
इस क्षणभंगुर अस्तित्व में यदि कोई तत्त्व स्थायी हैं तो वे हैं आत्मसम्मान तथा स्वतंत्रता। ये तत्त्व, बहुत मूल्य चुका कर प्राप्त होते हैं। मेवाड़ के महान सिसोदिया राजवंश ने अपने सुख, संपत्ति व जीवन का मूल्य चुकाकर ये तत्त्व हिंदू समाज को सहजता से दे दिए। एक सहस्त्र वर्षो तक अरावली में यायावरों का सा जीवन जीने वाले मेवाड़ के इन अवतारी पुरुषों के कारण ही भारत में आज केसरिया लहराता है।
यह पुस्तक उन महापुरुषों के प्रति हिंदू समाज की कृतज्ञता व्यक्त करने का एक प्रयास है। लेखक ने निष्पक्ष प्रामाणिकता से भारत के इतिहास के साथ हुए व्यभिचार को उजागर किया है । यह पुस्तक स्थापित भ्रांतियों को भंग करने के अतिरिक्त नई मान्यताओं को भी स्थापित करती है।
भारतीय उपमहाद्वीप में गत चौदह शताब्दियों से चले आ रहे हिंदू-मुस्लिम संघर्ष को यह पुस्तक उसकी भयानक नग्नता में प्रकट करती है। हत्यारे व बलात्कारी आक्रांताओं के समूह से हिंदू धर्म को बचाकर लानेवाले इन देवपुरुषों के इतिहास को किस निर्लज्जता व निकृष्टता से पोंछ डाला गया है, यह इस पुस्तक का आधार है।
सत्य कोई अवधारणा नहीं, बल्कि जीवन का मूल स्रोत है । जो समाज असत्य में जिएगा, वह बच नहीं सकता। जो समाज सत्य धारण करेगा, वह शाश्वत अमरत्व को प्राप्त होगा। मेवाड़ के महान् पुरखे तो सत्य में जीकर इहलोक व परलोक में परमगति पा गए। क्या आज के हिंदू समाज में इतना आत्मबल हे कि सत्य के लिए लड़ सके'''जी सके ''मर सके !
इन प्रश्नों के उत्तर ही निश्चित करेंगे कि हिंदू समाज सफलता के शिखर को छुएगा या अब्राह्मिक मतों की दासता भोगता हुआ मिट जाएगा।
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