Muaawze
Material type: TextPublication details: Radhakrishan Prakashan New Delhi 2019Edition: 6thDescription: 96 pISBN:- 9788171191260
- 891.432 SAH
Item type | Current library | Collection | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode | |
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Book | Indian Institute of Management LRC General Stacks | Hindi Book | 891.432 SAH (Browse shelf(Opens below)) | 1 | Available | 003027 |
मुआवजे ‘मुआवजे’ भीष्म साहनी के पहले तीन नाटकों से इस अर्थ में अलग है कि इसकी पृष्ठभूमि वर्तमान में स्थित है और इसका मिजाज व्यंग्य तथा हास्यप्रधान है। हालाँकि इसकी विषयवस्तु में भी समाज और व्यवस्था के वे सब स्याह पक्ष शामिल हैं जिनको अकसर भीष्म साहनी ने अपने उपन्यासों, कहानियों और नाटकों में उघाड़ा है। सांप्रदायिक दंगों और उसमें शिकार लोगों को मिलने वाले मुआवजे को लेकर बुना गया इस नाटक का कथानक पुलिस, प्रशासन, राजनेताओं और व्यावसायिक तबके के स्वार्थी और संवेदनहीन रवैये को दर्शाता है। साथ ही मुआवजे के लिए गरीब श्रमिक वर्ग के लोगों की हताश कोशिशों की विडम्बना को भी इसमें पकड़ा गया है। नाटक की विशेषता यह है कि व्यंग्य के लिहाज से इतने संवेदनशील विषय और लगभग पैंतीस पात्रों और अनेक समूह-दृश्यों के बावजूद नाटक की गति कहीं शिथिल होती नहीं दिखती, और न ही कहीं नाटककार के सरोकार हँसी के तूफान में गायब होते हैं। शायद यही कारण है कि देश के कितने ही रंग समूह निर्देशक और रंगकर्मी इस नाटक को खेलते रहे हैं और दर्शक आज भी इसके मंचन की प्रतीक्षा करते रहते हैं।
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