Jeevan jeene ka positive mantra

By: Material type: TextTextPublication details: Prabhat Prakashan New Delhi 2019Description: 261 pSubject(s): DDC classification:
  • 158 HAY
Summary: यह आपकी निजी रचनात्मक चिंतन-प्रक्रिया में चिनगारी उत्पन्न करनेवाले विचारों की पुस्तक है। यह आपको अनुभवों एवं उनकी प्रक्रियाओं से भिन्न रूप से परिचित होने का अवसर प्रदान करेगी। इस पुस्तक को पढ़ने के बाद आपको ऐसे विवरण प्राप्त हो सकते हैं, जिनसे br>संभवतः आप सहमत न हों। वे आपकी निजी विश्वास प्रणाली से टकरा सकते हैं। यह सही भी है। लेखिका इसे ‘पात्र मंथन’ कहती हैं। उनकी कही गई प्रत्येक विषयवस्तु से आपका सहमत होना आवश्यक नहीं, परंतु आप यह अवश्य परख लें कि आप किसी चीज पर क्यों विश्वास करना चाहते हैं। इसी प्रकार आपका विकास होगा और आप बदलेंगे। इस पुस्तक को आप कहीं से भी पढ़ना प्रारंभ कर सकते हैं। इसे आप अपनी इच्छानुसार खोलें। आपको इसमें निहित पूरा संदेश तत्काल मिल जाएगा। यह आपके पूर्व विश्वासों की पुष्टि करेगी या आपको चुनौती देगी। यह सबकुछ विकास-प्रक्रिया का अंग है। जान लीजिए कि आप सुरक्षित हैं और सबकुछ ठीक है। अपने भीतर झाँककर गुण-दोषों का अंतरावलोकन करके जीवन जीने के पॉजिटिव मंत्र बतानेवाली पठनीय कृति। personal development & self-help #motivational #motivate yourself #self motivation book.
List(s) this item appears in: Hindi Books | Operation & quantitative Techniques
Tags from this library: No tags from this library for this title. Log in to add tags.
Star ratings
    Average rating: 0.0 (0 votes)
Holdings
Item type Current library Collection Call number Copy number Status Date due Barcode
Book Book Indian Institute of Management LRC General Stacks Hindi Book 158 HAY (Browse shelf(Opens below)) 1 Available 003004

यह आपकी निजी रचनात्मक चिंतन-प्रक्रिया में चिनगारी उत्पन्न करनेवाले विचारों की पुस्तक है। यह आपको अनुभवों एवं उनकी प्रक्रियाओं से भिन्न रूप से परिचित होने का अवसर प्रदान करेगी। इस पुस्तक को पढ़ने के बाद आपको ऐसे विवरण प्राप्त हो सकते हैं, जिनसे br>संभवतः आप सहमत न हों। वे आपकी निजी विश्वास प्रणाली से टकरा सकते हैं। यह सही भी है। लेखिका इसे ‘पात्र मंथन’ कहती हैं। उनकी कही गई प्रत्येक विषयवस्तु से आपका सहमत होना आवश्यक नहीं, परंतु आप यह अवश्य परख लें कि आप किसी चीज पर क्यों विश्वास करना चाहते हैं। इसी प्रकार आपका विकास होगा और आप बदलेंगे। इस पुस्तक को आप कहीं से भी पढ़ना प्रारंभ कर सकते हैं। इसे आप अपनी इच्छानुसार खोलें। आपको इसमें निहित पूरा संदेश तत्काल मिल जाएगा। यह आपके पूर्व विश्वासों की पुष्टि करेगी या आपको चुनौती देगी। यह सबकुछ विकास-प्रक्रिया का अंग है। जान लीजिए कि आप सुरक्षित हैं और सबकुछ ठीक है। अपने भीतर झाँककर गुण-दोषों का अंतरावलोकन करके जीवन जीने के पॉजिटिव मंत्र बतानेवाली पठनीय कृति। personal development & self-help #motivational #motivate yourself #self motivation book.

There are no comments on this title.

to post a comment.

©2019-2020 Learning Resource Centre, Indian Institute of Management Bodhgaya

Powered by Koha