Bhagat Singh jail diary (Hindi) (Record no. 6697)

MARC details
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020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER
International Standard Book Number 9789353224721
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER
Classification number 923.254
Item number SAN
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME
Personal name Sandhu, Yadvinder Singh
245 ## - TITLE STATEMENT
Title Bhagat Singh jail diary (Hindi)
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT)
Name of publisher, distributor, etc. Prabhat Prakashan Pvt. Ltd
Place of publication, distribution, etc. New Delhi
Date of publication, distribution, etc. 2023
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION
Extent 343 p.
365 ## - TRADE PRICE
Price type code INR
Price amount 500.00
520 ## - SUMMARY, ETC.
Summary, etc. माँ भारती के अमर सपूत शहीद भगतसिंह के बारे में हम जब भी पढ़ते हैं, तो एक प्रश्न हमेशा मन में उठता है कि जो कुछ भी उन्होंने किया, उसकी प्रेरणा, हिम्मत और ताकत उन्हें कहाँ से मिली? उनकी उम्र 24 वर्ष भी नहीं हुई थी और उन्हें फाँसी पर चढ़ा दिया गया।<br/>लाहौर (पंजाब) सेंट्रल जेल में आखिरी बार कैदी रहने के दौरान (1929-1931) भगतसिंह ने आजादी, इनसाफ, खुद्दारी और इज्जत के संबंध में महान् दार्शनिकों, विचारकों, लेखकों तथा नेताओं के विचारों को खूब पढ़ा व आत्मसात् किया। इसी के आधार पर उन्होंने जेल में जो टिप्पणियाँ लिखीं, यह जेल डायरी उन्हीं का संकलन है। भगतसिंह ने यह सब भारतीयों को यह बताने के लिए लिखा कि आजादी क्या है, मुक्ति क्या है और इन अनमोल चीजों को बेरहम तथा बेदर्द अंग्रेजों से कैसे छीना जा सकता है, जिन्होंने भारतवासियों को बदहाल और मजलूम बना दिया था।<br/>भगतसिंह की फाँसी के बाद यह जेल डायरी भगतसिंह की अन्य वस्तुओं के साथ उनके पिता सरदार किशन सिंह को सौंपी गई थी। सरदार किशन सिंह की मृत्यु के बाद यह नोटबुक (भगतसिंह के अन्य दस्तावेजों के साथ) उनके (सरदार किशन सिंह) पुत्र श्री कुलबीर सिंह और उनकी मृत्यु के पश्चात् उनके पुत्र श्री बाबर सिंह के पास आ गई। श्री बाबर सिंह का सपना था कि भारत के लोग भी इस जेल डायरी के बारे में जानें। उन्हें पता चले कि भगतसिंह के वास्तविक विचार क्या थे। भारत के आम लोग भगतसिंह की मूल लिखावट को देख सकें। आखिर वे प्रत्येक जाति, धर्म के लोगों, गरीबों, अमीरों, किसानों, मजदूरों, सभी के हीरो हैं।<br/>भगतसिंह जोशो-खरोश से लबरेज क्रांतिकारी थे और उनकी सोच तथा नजरिया एकदम साफ था। वे भविष्य की ओर देखते थे। वास्तव में भविष्य उनकी रग-रग में बसा था। उनके अपूर्व साहस, राष्ट्रभक्ति और पराक्रम की झलक मात्र है हर भारतीय के लिए पठनीय यह जेल डायरी।<br/><br/>(https://www.prabhatbooks.com/bhagat-singh-jail-diary-pb.htm)
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical term or geographic name as entry element Bhagat Singh
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical term or geographic name as entry element Revolutionaries
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical term or geographic name as entry element Jail dairy
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA)
Koha item type Book
Source of classification or shelving scheme Dewey Decimal Classification
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    Dewey Decimal Classification     Hindi Book TB3913 22-02-2024 Indian Institute of Management LRC Indian Institute of Management LRC General Stacks 02/27/2024 Technical Bureau India Pvt. Ltd. 347.50 2 1 923.254 SAN 006272 04/02/2025 01/02/2025 01/02/2025 1 500.00 02/27/2024 Book

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